चंदौलीः हत्या के बाद लाश को बोरे मे भरकर नाले में फेंका, परसिया गांव के पास नाले में मिला था महिला का शव……गला दबाकर हत्या करने में साथी था मददगार…..
चंदौलीं। सैयदराजा थाने के परसिया गांव के पास नाले में महिला का शव मिलने के मामले में पति के द्वारा हत्या किए जाने का सुराग मिलने के बाद पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार के निर्देश पर मुखबिर खास की इस सूचना पर उसके पति व हत्या में शामिल साथी को धर दबोचा है।
मुखबिर की सूचना पर पुलिस बल द्वारा तत्काल दबिश देते हुए दोनों को पकड़ने का प्रयास किया तभी पुलिस टीम को देखकर दोनों भागना चाहेण् लेकिन आवश्यक बल प्रयोग कर दोनों व्यक्तियों को भतीजा रोड अंडर पास के उसपार स्थित सड़क के पास से पकड़ लिया गया। नाम पता पूछा गया तो एक ने अपना नाम चन्द्रशेखर व दूसरे ने अपना नाम राकेश विश्वकर्मा बताया। पकड़े गए आरोपीगण को कारण गिरफ्तारी बताते हुए समय करीब 08ः01 बजे हिरासत पुलिस में लिया गया तथा आवश्यक विधिक कार्यवाही की जा रही है।
अभियुक्त चन्द्रशेखर द्वारा बताया गया कि मृतका बबिता मेरी पत्नी थीं उससे वह काफी परेशान हो गया था। उसने मेरे घर वालों के खिलाफ दो मुकदमे दहेज के लिखवा दिया था। किसी तरह मुकदमे मे सुलह करके मुम्बई ले गया था। तब भी उसके बर्ताव में बदलाव नहीं आया तो उसने अपने साथी राकेश विश्वकर्मा के साथ जान से मारने का प्लान बनाया और दिनांक 11 अगस्त को मुम्बई से बबिता व अपनी बेटी रितिका तथा मेरा दोस्त राकेश विश्वकर्मा को साथ लेकर चन्दौली अपने घर आया। इसके बाद 12 अगस्त की रात्रि में ही बबिता से कहासुनी हुई तभी गुस्से में आकर बबिता को गिराकर गला दबा दिया और जब ज्यादा छटपटाने लगी तो राकेश ने उसका पैर पकड़कर दबाये रखा और जब बबिता मर गयी तो लाश को बोरे मे भरकर गांव के बाहर स्थित नाले मे फेंक दिया गया।
अभियुक्त राकेश विश्वकर्मा द्वारा पूछताछ पर बताया गया कि वह गोरखपुर का रहने वाला है मुम्बई मे रहकर लोहे की फैक्ट्री मे नौकरी करता हूँ। वहीं पर मेरी मुलाकात चन्द्रशेखर से हुई थी। मैं चन्द्रशेखर को चार.पांच साल से जानता हूं। पिछले महीने चन्द्रशेखर अपनी पत्नी बबिता व बेटी रितिका को लेकर मुम्बई गया था और काफी परेशान रहता था। तब सारी बातें मुझे बताई और मारने का प्लान बनाया। मैं भी चन्द्रशेखर व उसके पत्नी बबिता व बेटी गुड़िया के साथ दिनांक 11.08.2023 को मुम्बई से चन्दौली के लिये चला था और दिनांक 12.08.2023 की रात्रि मे चन्द्रशेखर के घर ग्राम सोगाई आ गया घर आने के बाद बबिता व चन्द्रशेखर मे कहासुनी हुई तो चन्द्रशेखर ने बबिता को गिराकर उसका गला दबा दिया। जब वह छटपटाने लगी तो मैं उसका पैर दबा दिया। बबिता की हम दोनों ने मिलकर हत्या कर दी तथा लाश को एक बोरे मे भरकर गांव के बाहर स्थित नाले मे फेंक दिया था।
गिरफ्तारी करने वाली पुलिस टीम में प्रभारी निरीक्षक संतोष कुमार सिंह, निरीक्षक श्रीकान्त पाण्डेय, उपनिरीक्षक जमीलुद्दीन खान के साथ सिपाही धर्मेन्द्र सरोज, अजय पटेल और सुधांशु यादव शामिल थे।