Tuesday, April 30, 2024
उत्तर-प्रदेशलखनऊ

शिक्षिका ने अवकाश के लिए किया आवेदन, मिला निलंबन, जानिए विस्‍तार से……

पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क

अलीगढ़। सरकारी स्कूलों में व्यवस्थाओं के क्रियान्वयन के लिए महानिदेशक स्कूल शिक्षा यानी शासन से आए आदेश सर्वमान्य होते हैं। मगर खैर ब्लाक में महानिदेशक आदेशों का पालन नहीं हो रहा। यहां के प्राथमिक विद्यालय कौरह रुस्तमपुर की सहायक अध्यापिका ज्योति सिंह की तो यही पीड़ा है। उन्होंने बाल्य देखभाल अवकाश के पोर्टल पर आवेदन किया था। खैर के बीईओ को दो दिनों में अपनी रिपोर्ट लगाकर बीएसए को देनी थी। आरोप है कि बीईओ ने सात दिन तक आवेदन पर संज्ञान ही नहीं लिया। विद्यालय न जा पाने पर बिना स्पष्टीकरण शिक्षिका को निलंबित कर दिया। वेतन भी रोक दिया। अब प्रकरण पर सीडीओ अंकित खंडेलवाल ने जांच बैठा दी है।

यह है मामला

एटा चुंगी निवासी ज्योति सिंह ने बताया कि 15 फरवरी को आपरेशन से उनके बेटी हुई। छह महीने की बच्ची की देखभाल के लिए बाल्य देखभाल अवकाश 12 जुलाई से नौ अक्टूबर तक के लिए आवेदन किया। आरोप है कि बीईओ घनेंद्र पाल ने दो दिन के बजाय आठवें दिन 19 जुलाई को आवेदन आगे बढ़ाया। मगर बीएसए दफ्तर से आवेदन निरस्त हो गया। फिर तीन अगस्त को आवेदन किया गया। जिसको बीईओ ने चार दिन बाद निरस्त कर दिया। 11 अगस्त को शिक्षिका ने फिर आवेदन किया जिसे 12 अगस्त को निरस्त कर दिया गया। चौथी बार फिर 13 अगस्त को आवेदन किया गया। बीईओ ने उसी दिन उसको बीएसए के पास भेजा दिया। बीएसए ने भी उसी दिन स्वीकृत कर दिया। शासन के आदेश हैं कि बाल्य देखभाल अवकाश पर दो दिन में संज्ञान लेते संस्तुति सहित अग्रसारित करना है। शिक्षिका ने बताया कि मेरी स्थिति को देखते हुए स्कूल की प्रधानाध्यापक ने उनका अवकाश स्वीकृत कर दिया। वे इस समस्या के चलते विद्यालय नहीं जा सकीं। 26 अगस्त को निरीक्षण किया और पूरे महीने का वेतन रोक दिया। फिर 13 दिन बाद नौ सितंबर को बीएसए को रिपोर्ट पेश की 16 सितंबर को निलंबित भी कर दिया गया। स्पष्टीकरण भी नहीं मांगा।

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