सने सीजेएल की लिखित परीक्षा पास कर ली थी और एक माह बाद उसका साक्षात्कार होने वाला था। मकान मालिक राजेश्वर प्रसाद ने पुलिस को बताया कि संजना इस वर्ष जनवरी से उनके मकान में किराये पर रह रही थी। सूरज अक्सर उससे मिलने आता था।

गले पर पहले वार से चीख नहीं सकी

सूरज लगभग साढ़े दस बजे संजना के कमरे पर पहुंचा था। उसने आखिरी मुलाकात का हवाला देकर शारीरिक संबंध बनाया, फिर कमरे में रखी कैंची से गले पर वार कर दिया। इस कारण वह चीख नहीं पाई। तब तक सूरज ने पेट पर ताबड़तोड़ कई वार कर दिए। भागने की कोशिश में वह दरवाजे की तरफ बढ़ी ही थी कि सूरज ने फिर जांघ पर वार किया। इससे वह जमीन पर गिर गई, फिर भी वह शरीर पर जहां-तहां वार करता रहा।

इस कारण नहीं हुआ सिलेंडर विस्फोट

संजना के बेहोश होते ही सूरज ने उसके मुंह में गैस सिलेंडर का पाइप ठूंस गैस भर दी। फिर उसके मुंह के पास माचिस की तीली जलाकर आग लगा दी। वह जलने लगी तो दरवाजा सटाकर वह भाग निकला। धुएं के कारण कमरे की दीवारें काली पड़ गईं। 

माना जा रहा है कि कमरे में आक्सीजन की कमी के कारण आग कुछ ही देर बाद बुझ गई होगी, क्योंकि संजना के शरीर का केवल ऊपरी हिस्सा जला। सिलेंडर के नोजल तक आग नहीं पहुंच सकी, इस कारण विस्फोट नहीं हुआ। वहीं मकान मालिक को भनक नहीं लग सकी। 

हत्या के बाद कपड़े बदल प्रेमिका की टी-शर्ट पहना

भागने के क्रम में सूरज ने संजना की टी-शर्ट पिठ्ठू बैग में रख ली थी। संजना की हत्या के बाद वह उसके घर से निकलने के बाद एक दुकान में गया और उसके बाथरूम में जाकर कपड़े बदल लिए, क्योंकि उसपर खून के धब्बे लगे थे। 

उसने संजना की टी-शर्ट और साथ लाया ट्राउजर पहन लिया, फिर मुजफ्फरपुर चला गया। वहां से बाइक लेकर वैशाली के लिए निकला। उसने बाइक एक सुनसान जगह पर छिपा दी और किसी थाने में चोरी की रिपोर्ट लिखवाने जा रहा था। इसी बीच पुलिस ने उसे पकड़ लिया। 

दोबारा घर पहुंची घरेलू सहायिका तो हत्या का पता चला

संजना के घर काम करने आई घरेलू सहायिका कमरे की लाइट बंद देख लौट गई। थोड़ी देर बाद वह दोबारा आई तो भी लाइट बंद थी, इस बार उसकी नजर दरवाजे पर पड़ी, जो खुला था। दरवाजा खोलते ही अंदर का नजारा देख वह उल्टे पांव भागी और मकान मालिक को खबर की। 

मकान मालिक ने डायल 112 पर पुलिस क्यूआरटी को सूचित किया। एसपी के अनुसार, शाम साढ़े सात बजे पुलिस को सूचना मिली थी। इसके बाद मालूम हुआ कि मारी गई संजना मुजफ्फरपुर के सकरा थाने के सबहा गांव की रहने वाली है। सकरा थाना के माध्यम से उसके घर पर सूचना दी गई, जिसके बाद उसके छोटे भाई प्रशिक्षु दारोगा सौरव सिंह राजगीर स्थित बिहार पुलिस अकादमी से पटना पहुंचे। 

गिरफ्तारी के बाद गुमराह करता रहा सूरज

पकड़े जाने के बाद सूरज ने पुलिस को गुमराह करने की पूरी कोशिश की। उसने कहा कि संजना का सुसाइड नोट उसके मोबाइल पर आया था, जिसके बाद वह उसे समझाने पटना गया। हालांकि, वह मर चुकी थी। पुलिसिया पचड़े में फंसने के डर से वह भाग गया। 

जब पुलिस उसे सुसाइड नोट दिखाने को कहा तो बताया कि किसी ने उसकी बाइक और मोबाइल छीन लिया है। इसी की शिकायत करने वह वैशाली के थाने में जा रहा था। उसका गोलमोल जवाब सुन कर पुलिस ने सख्ती बरती, तब उसने जुर्म कबूल लिया।