Friday, April 25, 2025
नई दिल्ली

गलत तरीके से वाहन पर लगाया तिरंगा, तो जाना पड़ सकता है जेल

नई दिल्ली , पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क ।

भारत का स्वतंत्रता दिवस हर वर्ष 15 अगस्त को देश भर में हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। क्या आम और क्या खास, सभी स्वतंत्रता के पर्व के रंग में रंग चुके हैं। ऐसे में निजी वाहनों पर भी लोग राष्ट्रीय ध्वज को लगाते हैं। लेकिन देशभक्ति के उत्साह के बीच, लोग अक्सर यह भूल जाते हैं कि तिरंगे को लेकर कुछ नियम हैं। इसे कहीं भी नहीं लगाया जा सकता है। यह ध्यान रखा जाना चाहिए कि इस तरह का कृत्य भारत के नेशनल फ्लैग कोड (राष्ट्रीय ध्वज संहिता) के तहत एक दंडनीय अपराध है। और अगर इस अपराध के लिए मामला दर्ज किया जाता है तो दोषी को जेल में भी जाना पड़क सकता है। यहां हम आपको उन अहम बातों के बारे में बता रहे हैं कि आखिर यह क्यों एक दंडनीय अपराध है।

इन्हें है विशेषाधिकार
भारत ध्वज संहिता नियम कहता है कि सिर्फ कुछ संवैधानिक प्रमुखों को अपने वाहनों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने का विशेष विशेषाधिकार है। इन गणमान्य व्यक्तियों में भारत के राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति, राज्यपाल और उपराज्यपाल, प्रधानमंत्री और अन्य कैबिनेट मंत्री, मुख्यमंत्री और राज्य के कैबिनेट मंत्री शामिल हैं। अन्य लोगों में लोकसभा और राज्यसभा के स्पीकर, डिप्टी स्पीकर, अध्यक्ष और उपाध्यक्ष, विधान सभाओं और परिषदों के स्पीकर, भारत के मुख्य न्यायाधीश, सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश, उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश और न्यायाधीश और विदेशों में भारतीय मिशन पदों के अध्यक्ष शामिल हैं। 

यहां नहीं फहरा सकते तिरंगा

नागरिकों को घर पर तिरंगा फहराकर या हाथ में लेकर अपने देश प्रेम और उत्साह का प्रदर्शन करने की अनुमति है। लेकिन निजी वाहनों पर गलत तरीके से तिरंगा फहराना अपराध है। भारत ध्वज संहिता का उल्लंघन राष्ट्रीय सम्मान अधिनियम, 1971 के अपमान की रोकथाम के तहत दंडनीय है। धारा 3.23 राष्ट्रीय ध्वज प्रदर्शन का कैसे दुरुपयोग हो जाता है उसके बारे में बताता है, इसमें कहा गया है कि, “झंडे को वाहन, ट्रेन या नाव के ऊपर, किनारे और पीछे नहीं लपेटा जाएगा।” 

वाहन में ऐसे फहराएं तिरंगा

धारा 3.12 के तहत जो राष्ट्रीय ध्वज के सही प्रदर्शन के तरीकों के बारे में बताता है। इसमें कहा गया है कि, “जब एक मोटर कार पर झंडा अकेला प्रदर्शित किया जाता है, तो उसे एक डंडे (स्टाफ) से फहराया जाना चाहिए, जिसे या तो बोनट के सामने बीचो-बीच या कार के सामने दाहिनी ओर मजबूती से लगा हुआ होना चाहिए।” 

ये करना है तिरंगे का अपमान

राष्ट्रीय ध्वज का दुरुपयोग, या कोई भी जो ‘जलाता है, विकृत करता है, नष्ट करता है रौंदता है या 1 [अन्यथा अनादर दिखाता है या अवमानना करता है], भारतीय राष्ट्रीय ध्वज या भारत का संविधान या उसके किसी भाग की अवमानना (चाहे शब्दों द्वारा, या तो बोले या लिखित, या कृत्यों द्वारा) उसे कारावास से, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक हो सकती है, या जुर्माने से, या दोनों से दंडित किया जाएगा।’

नियम यह भी कहता है, “भारतीय राष्ट्रीय ध्वज के अनादर का अर्थ है और इसमें शामिल है- (ए) भारतीय राष्ट्रीय ध्वज के प्रति घोर निरादार या अपमान।” 

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