पीएम मोदी ने देशवासियों से मांगी क्षमा…….., बोले- भाव भी बदलना चाहिए
नई दिल्ली, पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
पीएम मोदी ने देशवासियों से की क्षमा याचना
‘गणेश चतुर्थी के साथ संवत्सरी का भी अवसर है। इसे क्षमावाणी का भी पर्व कहते हैं, जिसमें मिच्छामी दुक्कड़म भी कहते हैं। मन, कर्म, वचन से जाने-अनजाने में दुख पहुंचाया है तो उसकी क्षमायाचना का अवसर है। मेरी तरफ से भी पूरी विनम्रता के साथ और पूरे हृदय से सभी संसद सदस्यों और पूरे देशवासियों को मिच्छामी दुक्कड़म कहता हूं।’
संसद के विशेष सत्र का आज दूसरा दिन है। आज से संसद की कार्यवाही नए संसद भवन में शुरू हो गई। इससे पहले सांसदों ने पुराने संसद भवन में फोटोशूट कराया। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संविधान की प्रति लेकर नए भवन में प्रवेश किया।
पवित्र कामों के लिए शायद ईश्वर ने मुझे चुना है”हर देश की विकास यात्रा में ऐसे मील के पत्थर आते हैं, जब वह गर्व से कहता है कि आज के दिन हम सभी ने नया इतिहास रचा है। ऐसे कुछ पल जीवन में प्राप्त होते हैं। नए सदन के प्रथम सत्र के प्रथम भाषण में मैं विश्वास और गर्व से कह रहा हूं कि आज का यह पल और आज का यह दिवस संवत्सरी और गणेश चतुर्थी का आशीर्वाद प्राप्त करते हुए इतिहास में नाम दर्ज करने वाला समय है। हम सभी के लिए यह पल गर्व का है। अनेक वर्षों से महिला आरक्षण के संबंध में बहुत चर्चाएं हुई हैं। बहुत वाद-विवाद हुए हैं। महिला आरक्षण को लेकर संसद में पहले भी कुछ प्रयास हुए हैं। 1996 में इससे जुड़ा विधेयक पहली बार पेश हुआ। अटलजी के कार्यकाल में कई बार महिला आरक्षण विधेयक पेश किया गया, लेकिन उसे पार कराने के लिए आंकड़े नहीं जुटा पाए और उस कारण से वह सपना अधूरा रह गया। महिलाओं को अधिकार देने, उन्हें शक्ति देने जैसे पवित्र कामों के लिए शायद ईश्वर ने मुझे चुना है। एक बार फिर हमारी सरकार ने इस दिशा में कदम बढ़ाया है।’

‘दुनिया महिलाओं की ताकत देख रही है’‘स्पेस हो या स्पोर्ट्स हो, दुनिया महिलाओं की ताकत देख रही है। जी20 में महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास की चर्चा हुई। दुनिया इसका स्वागत कर रही है, स्वीकार कर रही है। दुनिया समझ रही है कि सिर्फ महिलाओं की विकास की बात पर्याप्त नहीं है। हमें मानव जाति की विकास यात्रा में नए पड़ावों को अगर प्राप्त करना है, राष्ट्र की विकास यात्रा में नई मंजिलों को पाना है तो महिलाओं के नेतृत्व में विकास को बल दें। जी20 में भारत की बात को विश्व ने स्वीकार किया है। महिला सशक्तीकरण की हमारी हर योजना ने महिलाओं को नेतृत्व देने की दिशा में बहुत सार्थक कदम उठाए हैं। आर्थिक समावेश को ध्यान में रखते हुए जनधन योजना शुरू की। 50 करोड़ में अधिकतर महिलाएं खाताधारक बनीं। मुद्रा योजना में 10 लाख रुपये का कर्ज दिया जाता है, उसका सबसे ज्यादा लाभ महिलाओं ने उठाया। प्रधानमंत्री आवास योजना में पक्के घरों की ज्यादातर रजिस्ट्री महिलाओं के नाम हुई।’

‘संसद का व्यवहार तय करेगा कौन सत्ता में बैठेगा, कौन विपक्ष में’
‘अभी चुनाव तो दूर हैं और जितना समय हमारे पास बचा है संसद के इस मौजूदा कार्यकाल में। मैं पक्का मानता हूं कि यहां जो व्यवहार करेगा, यह निर्धारित करेगा कि कौन यहां (सत्ता पक्ष) बैठेगा, कौन वहां (विपक्ष) बैठेगा। जो वहां बैठे रहना चाहता है, उसका व्यवहार क्या होगा, इसका फर्क आने वाले समय में देश देखेगा।’
संविधान सदन के नाम से जाना जाए पुराना संसद भवन’
संसद के विशेष सत्र के दौरान PM मोदी: मेरी प्रार्थना और सुझाव है कि जब हम नए संसद भवन में जा रहे हैं तो इसकी (पुराना संसद भवन) गरिमा कभी भी कम नहीं होनी चाहिए। इसे सिर्फ ‘पुराना संसद भवन’ कहकर छोड़ दें, ऐसा नहीं होना चाहिए। अगर आप सब की सहमति हो तो इसे भविष्य में ‘संविधान सदन’ के नाम से जाना जाए…
