शिक्षाविद् ने सनबीम के छात्रों को सफलता के मूल मंत्र से कराया परिचित……..तकनीकी जो हमारे लिए आवश्यक है इस पर
मऊ , पूर्वांचल पोस्ट न्यूज़ नेटवर्क
आज अलीनगर स्थित सनबीम स्कूल में देश के जाने-माने शिक्षाविद् विक्रमजीत सिंह रूपराय का शिक्षकों व छात्रों ने किया भव्य स्वागत । सनबीम स्कूल ने विद्यार्थियों के उत्थान एवं वैश्विक शैक्षणिक तकनीकों को समझने के लिए कार्यशाला का आयोजन किया है । जिसमें छात्रों को पुस्तकों से बाहर की दुनियां जो हमारे आसपास है और उससे जुड़ी हुआ विज्ञान और तकनीकी जो हमारे लिए आवश्यक है इस पर चर्चा की ।
उक्त सत्र में शिक्षण शिक्षाशास्त्र को बदलने और रोजमर्रा के शिक्षण में रोचकता के साथ उसके वैज्ञानिक महत्त्व को शामिल करने के गुर सिखाए गए । शिक्षाविद् ने छात्रों को सबसे पहले सफलता के मूल मंत्र से परिचित कराया । छात्रों को उन्होंने बताया के किसी भी विषय को हम जब अपनी रुचि के अनुसार पढ़ते है या समझते है तो उसने आसानी होती है और त्रुटियां भी काम होती है । कार्यशाला के आयोजन का मूल कारण आज के परिवेश में शिक्षा और उसके बदलते रूप से था । उन्होंने पाठ्यक्रम के गेमीफिकेशन के तौर-तरीकों की व्याख्या की जिसमें उन्होंने अनुभवात्मक कथा शिक्षाशास्त्र के बारे में बात कीइसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए उन्होने शिक्षकों को वर्ड गेम, डमसराज के माध्यम से कक्षा को रोचक बनाने के लिए प्रेरित किया।
उनका मानना है कि कक्षा में हम जितनी भी ऐतिहासिक तथ्यों को बच्चो के समक्ष रखेंगे बच्चे के अंदर उतनी ही उत्सुकता का संचार होगा । जिसके लिए प्रत्येक शिक्षक को अपने पढ़ने की आदत को बढ़ाना होगा और नए नए जानकारियों को कक्षा में प्रस्तुत करना होगा। अंत में उन्होंने शिक्षकों की शंकाओं और प्रश्नों का उत्तर दिया। यह छात्रों एवं शिक्षकों के लिए सीखने का एक सुनहरा सत्र था और हर कोई अगले सत्र के लिए उत्साहित था। जिसमे वे इस कार्यशाला के संपादन के बाद के परिणाम पर चर्चा करे ।
अंत मे इस कार्यशाला में प्रतिभागी सभा को सम्बोधित करते हुए राकेश गर्ग ने शिक्षकों और छात्रों को गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण और उनके महत्व पर अपने विचार साझा किए । कार्यक्रम के अंत में प्रधानाचार्य ने शिक्षाविद् को धन्यवाद दिया की उन्होने आज के परिवेश के लिए हमे कैसे स्वयं को तैयार करना है।