चंदौलीः जिले के 9.13 लाख बच्चों को खिलाने का लक्ष्य, इतने फरवरी से……
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
चंदौली। जिले में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति अभियान 10 फरवरी से शुरू होगा। यह अभियान 23 फरवरी तक चलेगा और इस दौरान एक से 19 वर्ष तक के बच्चों, किशोरों को कृमि मुक्ति की दवा एल्बेंडाजोल की गोली खिलाई जाएगी। जिसमें जिले कुल 9.13 लाख बच्चों को दवा खिलाने का लक्ष्य रखा गया है। यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. वाई के राय ने दी।
सीएमओ ने बताया की राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम का उद्देश्य कृमि से होने वाले नुकसान से बच्चों को बचाना है। साथ ही उनके बेहतर शारीरिक एवं मानसिक विकास को सुनिश्चित करना है। कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. अनूप कुमार ने बताया कि बच्चों को कृमि संक्रमण से बचाने के लिए 10 से 23 फरवरी तक राष्ट्रीय कृमि मुक्ति अभियान चलाया जाएगा। जिसमें जिले कुल 9.13 लाख बच्चों को एल्बेंडाजोल की गोली का सेवन कराया जाएगा। अभियान के दौरान अगर बच्चे दवा खाने से छूटे जाते है तो उन बच्चों को 13 से 15 फरवरी के दौरान चलने वाले मापअप राउंड में एल्बेंडाजोल की गोली खिलाकर आच्छादित किया जाएगा
। डॉ. अनूप ने बताया कि कार्यक्रम के लिये शासन से प्राप्त गाइडलाइन के अनुसार जिले के समस्त ब्लॉक में दिशानिर्देश भी भेजे जा चुके है। इसके लिए प्रशिक्षण प्राप्त कर चुकी आशा एवं एएनएम व सुपरवाइजर अपने.अपने क्षेत्र में आयु के अनुसार बचों को एल्बेंडाजोल खिलाने के साथ ही उनको दवा के महत्व कि जानकारी भी देंगी। इस अभियान में आंगनबाड़ी केंद्रों, शासकीय विद्यालयों, केंद्रीय विद्यालयों, नवोदय विद्यालय, मदरसों, निजी स्कूलों एवं अनुदान प्राप्त निजी स्कूल व महाविद्यालयों के साथ ही तकनीकी शिक्षा संस्थानों में कृमिनाशक दवा का सेवन कराया जायेगा।
जिला प्रबन्धक डॉ एसएन पाठक ने बताया कि 200 एमजी एल्बेंडाजोल की आधी गोली एक साल से 2 साल तक के बच्चों को पानी के साथ खिलायी जायेगी। दो से 3 साल के बच्चों को पूरी गोली खिलाई जाएगी। जबकि 3 से 19 साल के बच्चों को एक टेबलेट 400 एमजी की दवा चबाकर खिलानी है। उन्होंने बताया कि एल्बेंडाजोल की गोली बच्चों के साथ ही बड़ों के लिए भी सुरक्षित है। दवा के सेवन से कोई भी नुकसान नहीं होता है। दवा खाने के उपरांत यदि कोई प्रतिकूल प्रभाव हो तो घबराने कि जरूरत नहीं है।
पेट में कृमि की अधिकता होने से दवा खाने के बाद सिरदर्द, चक्कर या मिचली आना स्वाभाविक है। इस तरह के लक्षण कुछ ही देर में स्वतः ठीक हो जाते हैं। फिर भी आवश्यकता लगे तो एम्बुलेंस सेवा 108 की मदद लेकर नजदीक प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर परामर्श ले सकते हैं।
बीमार बच्चों या पहले से कोई अन्य दवाई ले रहे बच्चों को एल्बेंडाजोल की गोली नहीं दी जाएगी। एल्बेंडाजोल की गोली बच्चों के संपूर्ण शारीरिक और मानसिक विकास के लिए है। यह दवा बच्चे के पेट के अंदर पल रहे कृमि को नष्ट कर उन्हें मल के रस्ते बाहर कर देता है, और बच्चा कुपोषित होने से भी बचता हैं। इसलिए कृमिनाशक गोली पूरी तरह से सुरक्षित है और बच्चे के सेहत की लिए जरूरी है।