रात भर असलहा लेकर शहर में घूमता रहा हिस्ट्रीशीटर, गाड़ी का नंबर बताने के बाद भी पुलिस ने कुछ नहीं किया……
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
गोरखपुर। गोरखपुर की रामगढ़ताल पुलिस अगर चेती होती तो 30 जुलाई को डीआइजी बंगले के पास फायरिंग की वारदात नहीं होती। 29 जुलाई की रात में ही शिवम अग्रहरी शिकायत लेकर थाने पहुंचा और सूरज व उसके साथियों के असलहा लेकर दौड़ाने की जानकारी दी लेकिन थानेदार ने इसे नजरदांज कर दिया।
29 जुलाई की रात में शिकायत लेकर शिवम गया था रामगढ़ताल थाने
तारामंडल के बुद्ध विहार कालोनी निवासी शिवम अग्रहरी की दोस्ती जेएस हास्पिटल के संचालक आर्दश सिंह से है। मरीज को हास्पिटल लाने के बदले चल रहे कमीशन के खेल में सूरज व उसके साथियों के निशाने पर शिवम था। उसे सबक सिखाने के लिए रात को सूरज सिंह, राहुल शर्मा, विनय यादव व दो अन्य 29 जुलाई की रात में 1.20 बजे उसके घर पहुंचे।उस समय शिवक रेलवे स्टेशन से भोजन करके घर पहुंचा था। आरोप है कि उसे देखते ही सूरज व उसके साथियों ने असलहा निकाल लिया। जिसके बाद वह भागते हुए रामगढ़ताल थाने पहुंचा।
तहरीर में ही खोल दी पुलिस की पोल पट्टी
इस बात का जिक्र उसने अपनी तहरीर में भी किया है। लेकिन रामगढ़ताल पुलिस ने कोई दिलचस्पी नहीं ली। जिसकी वजह से बदमाशों का हौसला और बढ़ गया अगले दिन सुबह चार बजे डीआइजी बंगले के सामने स्थित जेएस हास्पिटल पहुंचकर फायरिंग कर दी। एसपी सिटी कृष्ण कुमार विश्नोई ने बातया कि इस तथ्य की जानकारी नहीं है। मामले की जांच कराई जाएगी।