उन दिनों में इस तरह रखें ख्याल तो जीवन रहेगा खुशहाल, अपनाएं ये तरीका……..
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
लखनऊ। हर महीने की पांच दिन एक किशोरी को दर्द, तनाव, हिचक और कई भ्रांतियों से दो चार होकर गुजारने पड़ते हैं। जबकि उन पांच दिनों में उसे आराम और खुश रहने की आवश्यकता होती है। माहवारी या मासिक धर्म के प्रति स्वच्छता रखने और भ्रांतियां मिटाने के लिए प्रतिवर्ष 28 मई को विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष की थीम 2030 तक माहवारी को जीवन का सामान्य हिस्सा बनाना है।
क्या होती है माहवारी माहवारी लड़की के जीवन की स्वाभाविक प्रक्रिया है। जिसमें योनि से रक्तस्राव होता है। माहवारी लड़की के शरीर को मां बनने के लिए तैयार करती है। 9.13 वर्ष के बीच इसकी शुरुआत होती है। 28 से 31 दिनों के बीच में एक बार माहवारी होती है। कुछ लड़कियों को माहवारी के समय पेट के निचले हिस्से में दर्द, मितली और थकान हो सकती है। यह घबराने की बात नहीं है।
किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय केजीएमयू के क्वीन मैरी प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग की प्रोण् सुजाता देवी बताती हैं कि क्वीन मैरी विभाग में वर्ष 2020.21 के बीच किए गए सर्वे के आंकड़े बताते हैं कि 50 से 60 प्रतिशत तक महिलाएं आज भी सूती कपड़े का उपयोग करती हैं। वहीं 28 प्रतिशत लड़कियां और महिलाएं सेनेटरी नैपकिन का उपयोग करती हैं। इसके अलावा 50 प्रतिशत से भी अधिक महिलाओं को एचआईवी.एड्स के अलावा किसी भी तरह के संक्रमण के बारे में नहीं जानकारी थी। विभाग में चल रहे किशोरी क्लीनिक में आने वाली लगभग 10 प्रतिशत लड़कियां मेंस्ट्रूअल कप और टेंपोन उपयोग करती हैं।