हर बार सनम ही नहीं होता बेवफा, हो सकता है ये हो केमिकल लोचा, जानिए क्या है सिजोफ्रेनिया……
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
आगरा। अक्सर शक ही रिश्तों में दरार डालता है। वह चाहें प्रेमी−प्रेमिका के बीच हों या पति और पत्नी। ये शक ही सनम को बेवफा करार देता है। लेकिन अगर चिकित्सा और विज्ञान की दृष्टि से बात करें तो ये एक मानसिक बीमारी भी हो सकती है। इस तरह का केस भी सामने है। आगरा के मानसिक स्वास्थ्य संस्थान में इलाज करा रही महिला को शक था कि उनका पति बेवफा है। किसी और से प्यार करता है। घर में सीसीटीवी भी लगवा दिए, पति का मोबाइल भी चेक करने लगी लेकिन शक दूर नहीं हुआ। इलाज के बाद वह ठीक है।
क्या है सिजोफ्रेनिया
दरअसल शक की बीमारी भी सिजोफ्रेनिया है। केमिकल लोचा डोपामिन न्यूरोट्रांसमिटर के स्तर में असंतुलन से यह बीमारी हो रही है। मंगलवार को सिजोफ्रेनिया दिवस पर डाक्टर लोगों को जागरूक करेंगे। इलाज कराने से मरीज पूरी तरह से ठीक हो सकते हैं। अनुवांशिक, तनाव सहित कई अन्य कारण से डोपामिन स्तर में असंतुलन से सिजोफ्रेनिया की बीमारी हो रही है। इसमें कान में आवाज आती हैं। शक होने लगता है। यह बीमारी पुरुषों में पढ़ाई और करियर के समय में होती है। इसे वह गंभीरता से नहीं लेते हैं। उन्हें लगता है कि पढ़ाई के तनाव के कारण समस्या हो रही है। ऐसे में इलाज न होने पर बीमारी बिगड़ती जाती है।