सेना को सलामः बर्फीले इलाकों में इस तरह पहुंच रही सेना की चिकित्सा टीम, गर्भवतियों और बुर्जुगों का कर रही उपचार, तस्वीर देखकर आप भी हो जाएंगे हैरान…..
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
घाटी में भारतीय सेना न केवल आतंकवाद विरोधी ऑपरेशन चला रही है बल्कि गांवों विशेषकर नियंत्रण रेखा से सटे क्षेत्रों में अवाम के स्वास्थ्य का भी ख्याल रख रही है। गर्भवती महिलाओं और अन्य बीमार लोगों के इलाज के लिए सेना वहां पहुंच रही है। सेना की तरफ से चलाए जा रहे अभियानों में सद्भावन, हमसाया हैं हम, खैरियत पेट्रोल शामिल हैं। ष्खैरियत पेट्रोल के तहत सेना की तरफ से एलओसी से सटे गांव चूंट पायीं इलाकों में मरीजों और बुजुर्गों की खैरियत पूछने के लिए समय.समय पर जवानों को इन इलाकों में भेजा जाता है ताकि वह बीमारों और अन्य जरूरतमंदों तक मदद पहुंचा सकें।
बर्फीले इलाके में पहुंचे आर्मी की मेडिकल टीम
सेना के एक अधिकारी ने बताया कि सेना ने सीमांत जिले कुपवाड़ा के एलओसी से सटे माच्छिल सेक्टर के डुडी इलाके में महिलाओं और बच्चों को उचित चिकित्सा प्रदान करने के लिए सेना की आर्मी मेडिकल कोर एएमसी की एक महिला चिकित्सा अधिकारी को तैनात किया है।
बर्फीले इलाके में पहुंचे आर्मी की मेडिकल टीम
अधिकारी ने बताया कि खैरियत पेट्रोल अभियान के तहत महिला डॉक्टर ने हाल ही में टीम के साथ चूंट पाई गांव में घर.घर जाकर गर्भवती महिलाओं, बच्चों और लड़कियों का हाल जाना। गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य की जांच की गई और मुफ्त दवाइयां भी प्रदान की गईं। बुज़ुर्गों का भी हाल जाना और देखा कि इन्हें किसी चीज की जरूरत तो नहीं।
बर्फीले इलाके में पहुंचे आर्मी की मेडिकल टीम
डॉक्टर ने न सिर्फ गर्भवती महिलाओं का स्वास्थ्य जांचाए बल्कि गांव के पुरुषों की भी समस्याओं को सुना। सेना के इस प्रयास को गांव के लोगों ने काफी सराहा। उनका कहना था कि सर्दियों में उन तक प्रशासन की तरफ से कोई नहीं आता। केवल सेना ही है जिस पर वह निर्भर हैं।
बर्फीले इलाके में पहुंचे आर्मी की मेडिकल टीम
बता दें सर्दी के मौसम में गर्भवती महिलाओं को चिकित्सा देखभाल के मामले में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। जैसे ही जेड गली के पास बर्फबारी होती है तो सर्दियों के महीनों में माच्छिल सेक्टर जिला मुख्यालय से कट जाता है। जिससे स्थिति विकराल हो जाती है।