चकिया: प्रतिबंधित पहाड़ियों में हो रहा धड़ल्ले से अवैध खनन…… वन विभाग के रवैये से बेखौफ है…..,, पहाड़ियों पर तोड़ कर रखा गया हैं पटिया और
चकिया, चंदौली
पूर्वांचल पोस्ट पूर्वांचल
शासन की सख्ती के बावजूद वन विभाग की मिलीभगत से प्रतिबंधित पहाड़ियों में अवैध खनन का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है| रात के अंधेरे में सक्रिय खनन माफिया ग्रामीण क्षेत्रों में ओने पौने दामों पर पत्थरों की तस्करी कर रहे हैं| कार्रवाई के नाम पर कोरम पूर्ति का दम भर रहे वन विभाग के ढुलमुल रवैये से बेखौफ खनन माफियाओं की सक्रियता दिन पर दिन बढ़ती जा रही है|
वर्षों पूर्व जनपद की पहाड़ियों में पत्थर खनन को पूर्ण रूप से प्रतिबंधित कर दिया गया है| बावजूद इसके चकिया क्षेत्र के गणेशपुर,कोठी घाट,हथिनिया,
ललमनिया,नेवाजगंज (भदहवा),और डूगडूगवा सहित शिकारगंज क्षेत्र की कई छोटी-बड़ी पहाड़ियों में अवैध खनन का कारोबार धड़ल्ले से फल-फूल रहा है| रात के अंधेरे में दर्जनों ट्रैक्टर अवैध बोल्डर, पटिया ,गिट्टी लाद कर ग्रामीण क्षेत्रों में गिराते देखे जा सकते हैं|
अधिकारियों की सख्ती जब बढ़ती है तो स्थानीय वन प्रशासन सक्रिय होकर कुछ कार्रवाई करते हैं। फिर कार्रवाईयां कम हो जाता हैं। जिससे खनन माफिया सक्रिय हो जाते हैं।
शिकारगंज क्षेत्र में पत्थर खनन के फैले साम्राज्य से खनन माफिया रातो रात मालामाल हो रहे हैं| लगातार बढ़ रहे खनन से वन संपदाओं का ह्रास होता जा रहा है|वन विभाग कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रही हैै। जिसका जीता जागता प्रमाण
कुछ दिन पूर्व हेतिमपुर चट्टी से अवैध बोल्डर लदे ट्रैक्टर को पकड़ने के साथ ही वन विभाग ने दो शातिर तस्करों को भी गिरफ्तार किया था| जिन्हें बाद में निजी मुचलके पर रिहा कर देना वन विभाग की कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह खड़ा करता है|
क्षेत्रीय ग्रामीणों ने बताया कि पहाड़ियों से पत्थर खनन पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध नहीं लगाया गया तो वह दिन दूर नहीं जब पहाड़ियों का नामोनिशान तक मिट जाएगा|
क्या कहते हैं अधिकारी–
काशी वन्य जीव प्रभाग रामनगर वाराणसी के डीएफओ दिनेश सिंह ने कहा कि वन विभाग लगातार प्रतिबंधित पहाड़ियों पर चल रहे खनन को बंद कराने के लिए अभियान चला रहा है| उन्होंने कहा कि पर्याप्त पुलिस बल का सहयोग मिले तो करवाई करने में आसानी होगी|