यूपी में 40 हजार अपात्रों के राशन कार्ड निरस्त, शासन के निर्देश पर जिलाधिकारियों ने की जांच……
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
लखनऊ। सरकार को तीन लाख रुपये या इससे अधिक मूल्य का गेहूं/धान बेचने वाले 40 हजार अपात्रों के फर्जी तरीके से बनाये गए पात्र गृहस्थी राशन कार्ड निरस्त कर दिये गए हैं। चूंकि अभी तक सभी जिलों ने पूरी रिपोर्ट नहीं भेजी है। इसलिए यह संख्या और बढऩे के आसार हैं। गेहूं या धान की सरकारी खरीद में किसान को बेचे गए अनाज के मूल्य का भुगतान उसके आधार लिंक खाते में किया जाता है।
उधर राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम ;एनएफएसए के तहत प्रदेश में 99.96 प्रतिशत राशन कार्ड आधार कार्ड से लिंक हैं। नेशनल इन्फार्मेटिक्स सेंटर ने शासन को प्रदेश में 63.991 ऐसे राशन कार्डधारकों का ब्योरा उपलब्ध कराया था। जिन्होंने वित्तीय वर्ष 2020.21 में तीन लाख रुपये से अधिक मूल्य का गेहूं या धान सरकारी क्रय केंद्रों पर बेचा था। ग्रामीण क्षेत्रों में पात्र गृहस्थी राशन कार्डधारक परिवार की वार्षिक आय अधिकतम दो लाख रुपये होनी चाहिए। इस आधार पर शासन स्तर पर यह आशंका जतायी गई थी कि अपात्र होते हुए भी यह राशन कार्डधारक एनएफएसए का लाभ ले रहे हैं। खाद्य एवं रसद विभाग ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया था कि वे ऐसे मामलों की जांच कराकर रिपोर्ट दें। विभाग के निर्देश पर सभी जिलों में हुई जांच के आधार पर अब तक प्रदेश में ऐसे लगभग 40 हजार राशन कार्ड निरस्त किये गए हैं।