अफगानिस्तान में तालिबान से बचकर दुबई पहुंचीं शुक्रिया रिजाय, अब घरवालों की सता रही चिंता…..
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
प्रयागराज। अफगानिस्तान के काबुल में गुरुवार को एयरपोर्ट पर हुए धमाके के समय वहां इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय इवि और नैनी के सैम हिग्गिनबाटम यूनिवर्सिटी आफ टेक्नोलाजी एंड साइंसेज शुआट्स की पुरा छात्रा शुक्रिया रिजाय भी थीं। उनका कहना है कि पेपर में छपी खबर संज्ञान में लेकर भारतीय विदेश मंत्रालय की पहल पर वह दुबई की फ्लाइट में सवार होने पहुंची थीं। वह दुबई पहुंच गई हैं और परिवारवालों को लेकर फिक्रमंद हैं। कहा उनकी सलामती के लिए दुआ मांग रही हूं बस।
अफगानिस्तान के गजनी की रहने वाली हैं शुक्रिया
शुक्रिया रिजाय काबुल से 149 किलोमीटर की दूर गजनी की रहने वाली हैं। वह 2013 में पढ़ाई के लिए प्रयागराज आई थीं। शुआट्स से स्नातक के बाद इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय से पर्यावरण अध्ययन से परास्नातक में दाखिला लिया। एक सेमेस्टर पूरा कर वह 2018 में अफगानिस्तान लौट गईं। वाट्सएप चैट में शुक्रिया ने बताया कि उनकी पीड़ा प्रकाशित होने पर विदेश मंत्रालय ने मदद की। दुबई जाने के लिए वह गोलीबारी के बीच एयरपोर्ट पर पहुंची थीं। जब विस्फोट हुआ तो हम भागे और रास्ता ही भटक गए। पता नहीं चल रहा था कि कहां और कैसे निकलूं।
तालिबान ने एयरपोर्ट सीज किया है
तालिबान ने एयरपोर्ट को सीज कर दिया है। उनके डर से दूसरे देशों के नागरिक अपने दस्तावेज फाड़ रहे हैं। लोगों के सिर में गोली मारी जा रही है। शुक्रिया के अनुसार उन्हें फ्रांस से भी न्यौता मिला था। पर वह अपने परिवार को नहीं निकाल पाईं। उन्होंने कहा कि मेरा परिवार कैसे बाहर आएगा, मैं समझ नहीं पा रही हूं।
शुक्रिया के अनुसार अफगानिस्तान और वहां के लोगों के जीवन में यह सबसे खराब दौर है। तालिबान का नाम लिए बिना उन्होंने कहा कि यह इंसान नहीं बनना चाहते। कहा यह अनजान जंगली जीव हैं। जिसके लिए मैं अभी तक कोई नाम नहीं चुन सकी। शहर में दुकान और बाजार सब बंद हैं। न तो अफगानिस्तान से बाहर के लोग शांत हैं और न अंदर के लोग। यह किसी राज्य अथवा व्यक्ति की मृत्यु नहीं है। यह राष्ट्र की मृत्यु है। प्लीज हमारी आवाज दुनिया के सामने लाएं।