खेती व लोकतंत्र पर हमला कर रही मोदी सरकार, खेती बचाओ लोकतंत्र बचाओ नारे पर हुआ प्रदर्शन
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
चकिया, चंदौली। संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा तीनों काले कृषि कानूनों की वापसी और एमएसपी पर कानून बनाने की मांग पर जारी आंदोलन के सात माह पूरे होने और आपात काल के 46 वर्ष पूरे होने पर आयोजित खेती बचाओं लोकतंत्र बचाओ के राष्ट्रीय आवाहन पर स्थानीय नगर में जुलूस निकालकर गांधी पार्क में सभा आयोजित किया गया। इसके बाद जूलुस गांधी पार्क से शुरू होकर पुरें बाजार घुमकर तहसील में जाकर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन नायव तहसीलदार को सौंपा गया।
प्रदर्शन में संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर के तहत अखिल भारतीय किसान सभा, किसान महासभा, मजदूर किसान मंच, खेत मजदूर सभा, किसान विकास मंच ने खेती व लोकतंत्र को बचाने का संकल्प भी लिया। संकल्प प्रस्ताव में कहा गया कि मोदी राज में आज देश में आपातकाल से भी बदतर हालत हो गए है। सरकार यूएपीए, रासुका, राजद्रोह जैसे काले कानूनों के जरिए असहमति की हर आवाज को कुचलने और अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला कर रही है। यहां तक कि दिल्ली हाईकोर्ट तक को कहना पड़ा कि इस सरकार ने आतंकवाद और सामान्य विरोध प्रदर्शन की बीच के फर्क को खत्म कर दिया है। देश में भयंकर बेराजगारी है। महंगाई पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं रह गया है। पेट्रोल, डीजल के दामों में हो रही दिन प्रतिदिन वृद्धि ने आम नागरिक के सामने आजीविका का संकट पैदा कर दिया है।
इस दौरान अखिल भारतीय किसान सभा के जिला अध्यक्ष परमानंद कुशवाहा, खेत मजदूर किसान सभा के वरिष्ठ नेता शुकदेव मिश्रा, किसान महासभा के प्रभारी अनिल पासवान, मजदूर किसान मंच के प्रभारी अजय राय, किसान नेता लालचंद यादव, रामनिवास पाण्डेय, शम्भू यादव, विजयी राम समेत कई लोग शामिल रहे।