डोली उठने से पहले घर से उठी पिता की अर्थी, लाडली ने दी मुखाग्नि तो रो पड़े लोग, बोले. बेटी अभिशाप नहीं वरदान हैं….
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
मेंहदावल। बेटा अंश हैं तो बेटी वंश हैं बेटा आन हैं तो बेटी शान हैं। इस कहावत को संतकबीरनगर जिले के मेंहदावल नगर पंचायत की रहने वाली एक बेटी ने चरितार्थ किया। बेटी ने पिता की मौत के बाद समस्त कर्मकांड का न सिर्फ निर्वहन किया बल्कि पुरोहित के निर्देशन में पिता की चिता को मुखाग्नि दी। इस दौरान वहां उपस्थित लोगों की आंखें नम हो गईं। हर किसी की जुबां पर यही था कि बेटी अभिशाप नहीं वरदान हैं। सभी लोगों ने बेटी द्वारा निभाए गए इस फर्ज की सराहना की और कहा कि यह उन लोगों के लिए एक मिसाल है जो बेटियों को किसी भी मामले में बेटों से कम समझते हैं।
मेंहदावल कस्बे के सानीकेवटलिया निवासी 58 वर्षीय व्यवसायी अशोक कांदू की दो दिन पहले तबीयत खराब हुई। उसके बाद लोग आनन.फानन चिकित्सक को दिखाए तो पता चला कि आक्सीजन लेवल कम हो रहा है और सांस लेने में दिक्कत है। 108 एंबुलेंस से उन्हें तत्काल जिला अस्पताल ले जाया गया।