पंचायत चुनाव में उम्मीदवारों को नहीं मिलेगा पार्टी का सिंबल, आरक्षण प्रक्रिया का काम….
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में राज्य निर्वाचन आयोग त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कराने की तैयारी में जुट गया है। इलाहाबाद हाई कोर्ट के 30 अप्रैल से पहले चुनाव कराने के निर्देश के बाद से काम ने तेजी पकड़ ली है। विश्व के सबसे बड़े चुनाव माने जाने वाले उत्तर प्रदेश के पंचायत चुनाव में किसी भी प्रत्याशी को किसी राजनीतिक दल का सिंबल नहीं दिया जाएगा।
उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर हाईकोर्ट के निर्देश के बाद पंचायत चुनाव का रास्ता साफ हो गया है। अब ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत के चुनाव 30 अप्रैल और 15 मई तक संपन्न होंगे। कोर्ट का निर्देश है कि ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत सदस्यों के चुनाव 30 अप्रैल तक और जिला पंचायत अध्यक्ष ब्लाक प्रमुखों के चुनाव 15 मई तक संपन्न हों। इसके बाद अब यह तस्वीर साफ हो गई है कि उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव 15 मई तक संपन्न कराए जाएं। प्रदेश के पंचायती राज मंत्री चौधरी भूपेंद्र सिंह ने कहा हाईकोर्ट ने जो ने दिशा.निर्देश दिए हैं सरकार उसी के तहत पंचायत चुनाव करा लेगी। इसके बाद से राज्य निर्वाचन आयोग ने गांव की सरकार बनाने की तैयारी कर ली है।
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए ग्राम प्रधान सदस्य ग्राम पंचायत सदस्य पंचायत सदस्य जिला पंचायत के चुनाव होते हैं और फिर ये सदस्य जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख अध्यक्षों को चुनते हैं। हाईकोर्ट के निर्देश के बाद यह तय है कि 15 मई तक पूरे प्रदेश में पंचायत चुनाव की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले पंचायत चुनाव के नतीजे काफी अहम साबित होंगे।