काशी के प्रताप का धनंजय का हुआ अंतरराष्ट्रीय…….सीता एक नारी के लिए 2018 में यूपी सरकार द्वारा मिला है पुरस्कार……
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
वाराणसी। काशी की प्रतिभा समय-समय पर अपनी प्रतिभा से देश ही नहीं बल्कि अंतर्राष्ट्रीय पटल पर नाम रोशन करती आ रही हैं। इसी बीच बीएचयू के समीप नासीरपुर के महामना कालोनी के रहने वाले प्रताप ने दूसरी बार अपनी प्रतिभा से साहित्य के क्षेत्र में किताब लिखकर नाम रोशन किया। बतादें कि बीते 16 जनवरी को राजस्थान के उदयपुर में सिंगापुर की कविताई, भारत की सोपान और अमेरिका की झिलमिल संस्थाओं के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित एक भव्य ऑनलाइन कार्यक्रम में प्रताप नारायण सिंह के लोकप्रिय उपन्यास धनंजय का अंतरराष्ट्रीय लोकार्पण हुआ। यही नहीं प्रताप की पहली पुस्तक सीता एक नारी काव्य खंड को हिंदी संस्थान उत्तर प्रदेश द्वारा जय शंकर प्रसाद पुरस्कार 2018 से विभूषित किया गया।
कार्यक्रम का संयोजन और संचालन कविताई से शार्दुला नोगजा ने किया। कार्यक्रम के मुख्य सत्र थे एम्बेसडर अखिलेश मिश्र का धनंजय पर मन्त्रमुग्ध कर देने वाला गहन व्याख्यान दिया। जिसमें उन्होंने आज के संदर्भ में धनंजय उपन्यास की महत्ता पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला। वहीं कहा कि यह उपन्यास अपने पात्रों के माध्यम से वर्तमान से भी जुड़ता है और अपना संदेश देता है। उन्होंने विभिन्न पात्रों के संवादों के माध्यम से उपन्यास की प्रासंगिकता को बहुत ही प्रभावशाली ढंग से रेखांकित किया।
विश्व हिंदी सम्मान से भारत सरकार द्वारा सम्मानित श्री अनूप भार्गव जी ने अर्जुन और महादेव के बीच हुए युद्ध के प्रसंग का जीवंत पाठ किया और प्रेमचंद सम्मान से सम्मानित वरिष्ठ उपन्यास लेखिका डॉ. प्रणव भारती ने पुस्तक की समीक्षा के साथ.साथ उपन्यास लेखन में ध्यान देने वाली बातों पर भी प्रकाश डाला।
लेखक और कविता प्रतियोगिता परिचय सोपान के राजीव नसीब ने दिया और तीनों निर्णायकगण अमरीका से राकेश खण्डेलवाल, भारत से विजय स्वर्णकार और सिंगापुर से श्रद्धा जैन ने प्रतियोगिता परिणाम और काव्यात्मक आशीष प्रेषित किया। वर्तमान समय में वरिष्ठ साहित्यकार व सिविल ईंजीनियर प्रताप गाजियाबाद में डाल्मिया ग्रुप में जीएम के पद पर कार्यरत हैं।
धनंजय के लोकार्पण के मुख्य अतिथि संस्कृत और हिन्दी साहित्य के प्रखर ज्ञाता एम्बेसडर अखिलेश मिश्र जी थे जो विदेश मंत्रालय, भारत सरकार में अपर सचिव हैं। इस कार्यक्रम में धनंजय अंतरराष्ट्रीय कविता प्रतियोगिता के परिणाम भी बताए गए और विजेता कवियों ने कविता पाठ किया। प्रथम स्थान पर ५१०० का पुरस्कार मिला जानी.मानी ग़ज़लगो दीपशिखा सागर जी को द्वितीय पुरस्कार उड़ीसा की सोनेट लेखिका अनिमा दास जी को मिला और तृतीय पुरस्कार सुविख्यात सोनेट लेखक विनीत मोहन औदिच्य जी को प्रदान किया गया। उत्तम सृजन पुरस्कार. स्वरांगी साने, सुषमा श्रीवास्तव, डॉ. सत्यप्रकाश पाण्डेय, सुलेखा झा, प्रकाशचंद्र त्रिपाठी को प्रदान किया गया।