Thursday, April 24, 2025
आगराउत्तर-प्रदेश

छह महिलाओं के 116 बार प्रसव-19 बार नसबंदी, पांच खाते और मिले संदिग्ध

आगरा, लखनऊ।

जननी सुरक्षा योजना (जेएसवाई) और नसबंदी के अनुदान में फर्जीवाड़े की परत खुल रही है। अभी पांच खाते और संदिग्ध मिले हैं, इनकी जांच की जा रही है। अब तक फतेहाबाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 6 महिलाओं के दो साल में 116 बार प्रसव और 19 बार नसबंदी दर्शाते हुए 1.88 लाख रुपये निकालने का घोटाला पकड़ में आ चुका है।

शासन ने जेएसवाई और नसबंदी योजना के लाभार्थियों के ऑडिट में एक-एक महिला के 20-25 बार प्रसव और 3-5 बार नसबंदी का डाटा दर्ज था। इस पर शासन से सीएमओ को जांच करने के लिए निर्देशित किया। इसमें सीएमओ ने जांच शुरू की तो फतेहाबाद सीएचसी में कृष्णा के 25 बार प्रसव-5 बार नसबंदी, कस्तूरी देवी के 19 बार प्रसव-एक बार नसबंदी, सुनीता और मछला देवी के 18-18 बार प्रसव और तीन-तीन बार नसबंदी के मामले मिले।

इसी तरह राजकुमारी के 17 बार प्रसव-3 बार नसबंदी और भूरी के 16 बार प्रसव-4 बार नसबंदी के मामले मिले। इनको प्रति नसबंदी 2000 रुपये और प्रसव के 1400 रुपये के हिसाब से 1,88,200 रुपये खाते से निकाल लिए। सीएमओ डाॅ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि लेडी लायल, एसएन समेत सभी 18 सीएचसी के बीते 2-3 साल के रिकॉर्ड की जांच में 4-5 खाते और संदिग्ध मिले हैं, अभी जांच चल रही है।

खुद का दर्ज करते फोन नंबर
पुलिस की जांच में महिलाओं ने बताया कि प्रसव और नसबंदी और उसकी प्रोत्साहन राशि के बारे में जानकारी नहीं थी। नगला कदम निवासी अशोक कुमार डेटा एंट्री ऑपरेटर गौतम सिंह, ब्लॉक कार्यक्रम अधिकारी गौरव थापा और ब्लॉक लेखा प्रबंधक अजहर, नीरज अवस्थी मिलीभगत से ये घोटाला कर रहे थे।

अशोक स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के सरकारी योजनाओं के नाम से खाते खुलवाता था और फोन नंबर खुद का दर्ज करता था। पासबुक खुद के पास ही रखता था, इससे प्रोत्साहन राशि का मैसेज आने के बाद ये यूपीआई से रुपये निकाल लेता था। डेटा एंट्री ऑपरेटर गौतम सिंह और ब्लॉक लेखा प्रबंधक अजहर अभी फरार हैं।

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