Friday, April 25, 2025
उत्तर-प्रदेश

हुड़दंगियों ने पुलिस पर फेंके जूते-चप्पल, फोर्स ने खदेड़ा

शाहजहांपुर , लखनऊ। पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क 

में होली पर बड़े लाट साहब के जुलूस में शुक्रवार को दो जगह पर पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ गया। जुलूस के दौरान हुड़दंगियों ने बवाल किया। इस बीच हंगामा भी हुआ। हालांकि मामले को निपटा दिया गया।

शाहजहांपुर में होली पर लाट साहब के जुलूस में हुड़दंगियों ने दो जगह उत्पात किया। जुलूस से काफी पीछे नाचते-गाते झुंड बनाकर चल रहे कुछ युवाओं ने आरएएफ के जवानों पर जूत-चप्पल फेंके। इस पर फोर्स ने हुड़दंगियों को दौड़ाकर पीटा।

सदर बाजार थाना क्षेत्र के खेरनीबाग इलाके में यह लाठीचार्ज हुआ। आपको बता दें कि बड़े लाट साहब के जुलूस में घंटाघर पर हुड़दंग करने वालों पर आरएएफ ने हल्का बल कर खदेड़ दिया था। लाठी चलने से हुरियारों में खलबली मच गई। 

शुक्रवार को बड़े लाट साहब का जुलूस कड़ी सुरक्षा में निकाला गया। 

सदर बाजार थाना के नजदीक पंखी चौराहा से होते हुए जुलूस घंटाघर की तरफ बढ़ा। घंटाघर पर काफी भीड़ एकत्रित थी। बताते है कि आरएएफ के आते ही लोगों ने जूते-चप्पल आदि फेंकने शुरू कर दिए।

इसे लेकर सड़क पर एकत्रित भीड़ को खदेड़ने के लिए आरएएफ ने लाठीचार्ज कर दिया। सुरक्षाकर्मियों ने घंटाघर पर खड़े हुरियारों को लाठी से खदेड़कर जुलूस को निकलवाया। इसके बाद कड़ी सुरक्षा में जुलूस को आगे की तरफ रवाना किया गया। 

भैंसागाड़ी पर सवार हो निकले लाट साहब, जूतों से स्वागत

होली पर रंगों की बौछार के बीच शुक्रवार को लाट साहब का जुलूस निकाला गया। बड़े लाट साहब आरएएफ के घेरे में रहे। रंगों की बौछार के साथ ही उनका स्वागत जूते और चप्पलों से किया गया। इस बीच ड्रोन कैमरे से निगहबानी की गई।

शुक्रवार की सुबह कूंचा लाला से निकलकर बड़े लाट साहब ने चौकसीनाथ मंदिर में शीश नवाया। वहां से मुख्य सड़क पर लाट साहब को भैंसागाड़ी पर सवार कराया गया। उसके बाद उनकी सवारी चौक कोतवाली में पहुंची। जहां कोतवाल ने सलामी दी। यहां से सराफा बाजार, चारखंभा, केरूगंज, मिशन स्कूल, जेल से जीआईसी होते हुए विश्वनाथ मंदिर के पास जुलूस पहुंचा।

पूजन करने के बाद दोबारा से शहीद पार्क के सामने से एसपी कॉलेज, पंखी चौराहा, बहादुरगंज पंचराहा, सदर बाजार थाना, कालीचरन रोड चरन, बंगश से कूंचा लाला में जुलूस समाप्त हुआ। जुलूस का प्रत्येक रूट पर रंग और जूतों से स्वागत किया गया। जुलूस के रास्ते पर धार्मिक स्थलाें को तिरपाल से ढका गया। बैरीकेडिंग भी कराई गई।

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