Thursday, April 24, 2025
उत्तर-प्रदेशकानपुर

जब डीएम से ऑटो चालक ने की थी इच्छा मृत्यु की मांग, तब डीएम ने Republic Day पर बना दिया अतिथि……..सपने में भी ये नहीं सोचा था कि कभी जिलाधिकारी के बगल में ऐसे समारोह में अतिथि बनूंगा……9 को मिला आजादी, खुले में सांस ले सकेंगे।

कानपुर, लखनऊ। पूर्वांचल पोस्ट न्यूज 

 इच्छा मृत्यु मांगने पहुंचे आटो चालक को जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह ने रविवार को गणतंत्र दिवस समारोह में अतिथि बनाकर बगल में बैठाया। चालक बोला- सपने में भी ये नहीं सोचा था कि कभी जिलाधिकारी के बगल में ऐसे समारोह में अतिथि बनूंगा। ये यादगार व अविस्मरणीय क्षण हैं। हर आटो चालक, आम नागरिक इससे सबक लेकर जिंदगी में राष्ट्र के प्रति प्रेम, बदलाव में सहभागी बनने की दिशा में कदम बढ़ाना चाहिए ।

 

हनुमंत विहार के आटो चालक राकेश कुमार सोनी का आरोप है 30 दिसंबर, 2024 को नौबस्ता से बारादेवी जाते समय टीएसआइ ईश्वर सिंह ने अभद्रता कर दी थी। हालांकि, टीएसआइ ने बताया था कि वे केवल यातायात सही करवा रहे थे।

आटो चालक बना गणतंत्र दिवस पर अतिथि, बोला-सपने में भी नहीं सोचा था

आहत चालक जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह से मिला व इच्छा मृत्यु की अनुमति मांगी। इसपर जिलाधिकारी ने उसे गणतंत्र दिवस समारोह का अतिथि बनाकर निमंत्रण पत्र घर भिजवा दिया। रविवार को राकेश परिवार समेत पहुंचे। कलेक्ट्रेट के सामने गांधी पार्क में डीएम के साथ झंडा फहराया।

राकेश बोले, ये वो पल है, जिसने जिंदगी बदल दी। वे सोच रहे थे कि अधिकारी हैं, ऐसे ही कह रहे होंगे। पर सपना सच हुआ। ऐसे अफसर ही समाज को बदलने का काम करते हैं। कहा कि हर आटो, टेंपो व ई रिक्शा चालक संकल्प ले कि उसकी वजह से कहीं जाम न लगे।

महाप्रबंधक जल कल आनंद कुमार त्रिपाठी ने निशीथ दीक्षित को सराहनीय कार्यों के लिए प्रशस्ति पत्र दिया। कहा कि ऐसे कर्मचारियों से ही विभाग हमेशा प्रगति करते हैं।

गणतंत्र दिवस से एक दिन पहले नौ बंदी जेल से रिहा

वहीं गणतंत्र दिवस से एक दिन पहले जिला कारागार से नौ बंदियों को रिहा किया गया। अब ये बंदी खुले में सांस ले सकेंगे। ये ऐसे बंदी थे, जिनकी सजा की मूल अवधि पूरी हो चुकी थी लेकिन जुर्माना की राशि अदा न कर पाने से जेल में बंद थे। जेल से रिहा होने वाले बंदियों में एक महिला बंदी भी थी, इन सभी बंदियों की सजा चार वर्ष से कम थी। बंदियों की 36,500 रु. जुर्माना धनराशि समाजसेवी संस्था प्रकृति सहयोग फोरम के सहयोग से जमा कराई गई।

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