Thursday, April 24, 2025
उत्तर-प्रदेशलखनऊ

यूपी में प्रत्‍याशी से कम मोदी और योगी से है विपक्ष की सीधी लड़ाई, इस हॉट सीट पर विदेश की भी नजर

गोरखपुर। सातवां चरण यानी समापन। उस महासमर का जो पश्चिम से पूरब पहुंचा। ‘डबल इंजन’ का पावर सेंटर पूर्वांचल। बाबा विश्वनाथ और गुरु गोरक्षनाथ की नगरी। पीएम मोदी-सीएम योगी के गढ़ में 13 सीटों पर लड़ाई। अधिकतर पर जाति की फसल लहलहाई। भाजपा ने प्रत्याशी के पत्ते पहले खोले तो गठबंधन ने दांव चल दिया।

ऐसे चेहरे उतारे जो मुस्लिम, यादव वोटों के साथ अपनी बिरादरी का वोट खींचकर सीट निकाल ले। कई सीटों पर इसी के बूते सपा-कांग्रेस मुकाबले में आ गई। प्रचार ने जोर पकड़ा तो पिछड़ा, दलितों का आरक्षण मुस्लिमों को देने की बात उछली। ‘संविधान बचाओ अभियान’ चरम पर पहुंचा। दोनों खेमे एक-दूसरे को इसी पर घेरते रहे।

चाहे मोदी की हो या योगी की, राहुल से लेकर अखिलेश और मायावती तक, सबने भीड़ जुटाई। कुर्सियां भी ‘खटाखट’ टूटीं। पूर्वांचल की 13 सीटों के सफर की शुरुआत सबसे हाट सीट वाराणसी से, जिस पर विदेश की भी नजर है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी काशी से हैट ट्रिक लगाने जा रहे हैं। यहां उनका मुकाबला स्वयं से है। चुनौती मतों का अंतर बढ़ाकर नया रिकार्ड बनाने की है।

 

इंडी गठबंधन से कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय इससे पहले तीन हार के नाम सहानुभूति बटोर एक मौका मांग रहे हैं। नेपाल से सटी महराजगंज लोकसभा सीट। छह बार के भाजपा सांसद पंकज चौधरी केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री मैदान में हैं। चौधरी बहुल सीट पर गठबंधन ने फरेंदा विधायक वीरेंद्र चौधरी को उतारा। यादव मुस्लिम वोटबैंक में चौधरी को जोड़कर वीरेंद्र जीतने की जुगत में हैं, लेकिन पंकज की चौधराहट को चुनौती इतनी आसान भी नहीं।

कुशीनगर में भाजपा सांसद विजय दुबे को घेरने के लिए अजय सिंह सैंथवार को प्रत्याशी बनाया। देवरिया सीट पर भाजपा ने शशांक मणि को उतार कार्यकर्ताओं के असंतोष को दूर कर लड़ाई आसान कर ली। गठबंधन ने पूर्व विधायक अखिलेश प्रताप सिंह को उतारा है।

बांसगांव और सलेमपुर दो ऐसी सीटें रहीं जहां हर भाजपाई ‘मोदी के नाम’ पर वोट मांगता दिखा। प्रत्याशी के प्रति मतदाताओं में नाराजगी के कारण गठबंधन के प्रत्याशी इन दोनों सीटों पर लड़ाई में आ गए। घोसी में भाजपा की सहयोगी सुभासपा के प्रत्याशी डा. अरविंद राजभर को पिता ओमप्रकाश राजभर के बयानों के चलते भी असहज होना पड़ा।

बसपा के मतों में बिखराव से लड़ाई रोचक है। बलिया सीट पर पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के बेटे नीरज शेखर भाजपा प्रत्याशी हैं। इंडी गठबंधन ने सनातन पांडेय को उतारा है। गाजीपुर में गठबंधन ने मुख्तार के भाई अफजाल को लड़ाया है। माफिया परिवार के सामने भाजपा ने सामान्य कार्यकर्ता को उतारकर रणनीति बुनी।

चंदौली में केंद्रीय मंत्री डा. महेंद्रनाथ पांडेय हैट ट्रिक लगाने उतरे हैं। इंडी गठबंधन से पूर्व मंत्री वीरेंद्र सिंह महंगाई, बेरोजगारी के अलावा भारी उद्योग न लगाने का मुद्दा उठाते रहे।

एनडीए बनाम आइएनडीआइए

सोनभद्र में भाजपा की सहयोगी अपना दल एस से रिंकी कोल के सामने सपा से पूर्व सांसद छोटेलाल खरवार और बसपा के धनेश्वर गौतम हैं। मीरजापुर से केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल हैट ट्रिक लगाने उतरी हैं। सपा ने भदोही से भाजपा के सांसद रमेश चंद्र बिंद को उतारा है। मनीष त्रिपाठी पर दांव लगा बसपा ने चुनाव को त्रिकोणीय कर दिया है।

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