चकिया: डीएम तक पहुंचा मामला, हरकत में आए अधिकारी, ठेकेदार को जारी हुआ नोटिस…. कर्मनाशा नदी की अवैध बालू व भक्सी से हो रहा था सरकारी काम, डीएम के संज्ञान के बावजूद नहीं हटाया गया अवैध बालू………
भक्सी पर इंटरलॉकिंग बिछाना ठेकेदार को पड़ा महंगा, डीएम ने मामला लिया संज्ञान में, आनन-फानन में मौके पर पहुंचे जेई
ठेकेदार को जारी हुआ नोटिस
चेयरमैन व सभासद कर रहे थे नजर अंदाज
मामला जिलाधिकारी तक पहुंचते ही मच गई खलबली
भस्सी व कर्मनाशा नदी की अवैध लाल बालू से ठेकेदार द्वारा कराया जा रहा था इंटरलॉकिंग का सरकारी कार्य
चकिया, चंदौली। जहां एक तरफ केंद्र व प्रदेश की सरकार भ्रष्टाचार को समाप्त करने को लेकर दिन-रात मेहनत कर रही है। तो वहीं कुछ ठेकेदार सरकार के मंसूबों पर मनमानी तरीके से पानी फेरते हुए नजर आ रहे हैं।
हम बात कर रहे हैं चकिया नगर पंचायत के वार्ड नंबर 4 में बन रहे भस्सी व कर्मनाशा नदी की अवैध लाल बालू से इंटरलॉकिंग कार्य की। ठेकेदार द्वारा मनमानी रवैया अपनाते हुए भस्सी व अवैध तरीके से कर्मनाशा नदी की लाल बालू निकाल कर इंटरलॉकिंग व साइडवाल का कार्य कराया जा रहा था। जब मामला प्रकाश में आया तो खलबली मचा गया । जिलाधिकारी तक मामला पहुंचा तो स्थानीय प्रशासन हरकत में एक बार आ गया। मामला संज्ञान में लेते हुए तत्काल डीएम ने जांच के आदेश दिए। उधर आनन-फानन में पहुंचे नगर पंचायत के जेई मुरली ने ठेकेदार के ऊपर नोटिस जारी किया और स्थानीय निरीक्षण किया जहां पाया कि भक्सी पर इंटरलॉकिंग बिछाया गया था। वहीं मौके पर कर्मनाशा नदी का बालू पाया गया।
बतादें कि वार्ड नंबर 4 में एक ठेकेदार द्वारा भस्सी व कर्मनाशा नदी की अवैध लाल बालू निकलवा कर इंटरलॉकिंग का कार्य कराया जा रहा था। मामला डीएम चंदौली तक पहुंचा तो जिलाधिकारी ने कड़ा एक्शन लेते हुए स्थानीय नगर पंचायत के अधिकारियों को निर्देश दिया। इसके बाद स्थानीय प्रशासन का कुछ समय के लिए हाथ पांव फुल गया। जिलाधिकारी के कड़े निर्देश के बाद नगर पंचायत के जेई ठेकेदार को तत्काल प्रभाव से नोटिस जारी। मौके का जेई ने निरीक्षण किया। सूत्रों की मानें तो 62 मीटर में से 44 मीटर तक साईडवॉल बना था। वहीं इंटरलॉक भक्सी पर लगभग 23 से 24 मीटर बिछाया गया था और उसके आगे कर्मनाशा नदी के अवैध बालू पर बिछाया गया था। इस कार्य के लिए शासन द्वारा कुल 4 लाख 86 हजार का बजट पास हुआ है। ठेकेदार द्वारा सस्ती भस्सी व कर्मनाशा नदी की अवैध लाल बालू से लीपापोती करके पूरा पैसा निकालने का प्लान बनाया गया था। मामले का भंडाफोड़ हुआ तो ठेकेदार व प्रशासनिक अमलों में हड़कंप की स्थिति मची हुई है। बड़ी बात यह है कि नगर पंचायत के चेयरमैन, अधिशासी अधिकारी भी स्वत: संज्ञान में कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। सभासद भी चुप्पी साधे हैं।
वर्जन
जिलाधिकारी निखिल टी. फुंडे ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है। जांच के आदेश दिया गया है। रिपोर्ट आने पर कार्रवाई की जायेंगी।