Tuesday, April 30, 2024
उत्तर-प्रदेशवाराणसी

पर्यावरण सुरक्षा की जिम्मेदारी सभी समुदायों की…… काशी विद्यापीठ में प्रो. रंजन कुमार की पुस्तक का हुआ विमोचन………

पर्यावरण सुरक्षा की जिम्मेदारी सभी समुदायों की – मा. न्यायाधीश सुधीर अग्रवाल

पर्यावरण को सुरक्षित रखने में विधि की भूमिका विशेष – प्रो. आनंद कुमार त्यागी

काशी विद्यापीठ में प्रो. रंजन कुमार की पुस्तक का हुआ विमोचन

वाराणसी। विधि विभाग, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ द्वारा आयोजित एवं भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली (ICSSR) के द्वारा शनिवार को प्रायोजित “एफेक्टीवनेस ऑफ एअर पाल्यूशन लॉ इन सेफगार्डिंग हूयमन हेल्थ, इकोनामी एण्ड सस्टेनेबल सोसाइटीः ए स्टडी ऑफ अरबन एरियाज ऑफ, वाराणसी” विषयक एक दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन हुआ। कार्यशाला में प्रो. रंजन कुमार, विभागध्यक्ष एवं संकायाध्यक्ष द्वारा लिखित पुस्तक साइबर क्राइम इन इण्डिया का विमोचन किया गया।

उ‌द्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि माननीय न्यायाधीश सुधीर अग्रवाल, सदस्य, राष्ट्रीय हरित अधिकरण, नई दिल्ली ने कहा कि पर्यावरण सुरक्षा की जिम्मेदारी सभी समुदायों की है। उन्होंने वाराणसी एवं रांची के सन्दर्भ में विभिन्न तथ्यों का तुलनात्मक प्रस्तुतिकरण किया। कहा कि पर्यावरण में देवता का वास होता है, इसलिये पर्यावरण को स्वस्थ्य रखना चाहिए। साथ ही अनेक वेद एवं पुराणों को संदर्भित करते हुए पर्यावरण प्रदूषण को नियंत्रित करने के उपाय बताये।

कार्यशाला के विशिष्ट अतिथि अरूण कुमार शुक्ला, एडवाइजर, एन.एम.डी.सी., झारखंड ने अपने उद्बोधन में पर्यावरण प्रदूषण के विभिन्न आयामों पर सविस्तार चर्चा किया। बताया कि रांची एवं वाराणसी में पर्यावरण प्रदूषण का इंडेक्स काफी उतार चढ़ाव वाला है। पर्यावरण प्रदूषण का प्रभाव मानव पर अति गंभीर रूप में पड़ रहा है यदि मानव जाति जागरूक नही रही तो देश में अनेक बिमारियों का जन्म विकराल रूप में धारण कर लेगा।

कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए काशी विद्यापीठ के कुलपति प्रो. आनन्द कुमार त्यागी ने कहा कि पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिये विधि की विशेष भूमिका है। उन्होंने छात्रों को पर्यावरण सुरक्षा के लिये प्रेरित किया। पर्यावरण प्रदूषण की समस्याओं पर गंभीर अध्ययन करने पर बल दिया।

समापन सत्र के मुख्य अतिथि प्रो. जयशंकर सिंह कुलपति, राजीव गांधी राष्ट्रीय लॉ विश्वविद्यालय पंजाब ने कहा कि पर्यावरण प्रदूषण एक गभीर समस्या है। इसका प्रभाव साक्षात व्यक्ति के स्वास्थ्य एवं आर्थिक गतिविधियों पर पड़ रहा है। आपने पर्यावरण प्रदूषण से सम्बन्धित विभिन्न कानूनों का विवरण देते हुए इसके निराकरण के प्रयासों को सुझाया।

विशिष्ट वक्ता प्रो. पंकज कुमार चतुर्वेदी, सकायाध्यक्ष विधि संकाय, रांची विश्वविद्यालय ने कहा कि पर्यावरण के दुष्प्रभावों का असर सिर्फ मनुष्य जाति पर ही नहीं बल्कि वन्य जीव-जन्तुओं पर भी पढ़ रहा है। अतः हम सभी की नैतिक जिम्मेदारी है कि पर्यावरण को बचाये रखें।

विशिष्ट वता प्रो. तीर्थांकर बनर्जी, पर्यावरण एवं सम्पोषित विभाग, बीएचयू ने कहा कि ओजोन क्षरकरण एक प्रमुख पर्यावरण प्रदूषण का कारण है। आपने प्राकृतिक संसाधनो के दुरूपयोग को रोकने की सलाह दिया। कार्यशाला में रिपोर्ट का प्रस्तुतीकरण आयोजन सचिव डॉ. स्वाति ने किया। कार्यशाला में अतिथियों का स्वागत विभागाध्यक्ष एवं संकायाध्यक्ष प्रो. रंजन कुमार ने किया। संचालन डॉ. मेराज हासमी व डॉ. स्वाति एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. शिल्पी गुप्ता ने किया।

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