पहले ही दिन गंगा के रास्ते शव ले जाने की व्यवस्था फेल, एक नाव में 4 से 5 शव मणिकर्णिका घाट ले जाने को मजबूर
वाराणसी। भीड़ और ट्रैफिक व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए लागू नविन व्यवस्था पहले ही दिन फेल हो गई। जिला प्रशासन की ओर से शवयात्रियों के लिए लागू किए गए नियम की वजह से परेशानी का सामना करना पड़ा। पहले दिन शव को मणिकर्णिका घाट पहुंचाने के लिए एक नाव में चार-चार शव ले जाना पड़ा।
शहर के व्यस्ततम क्षेत्र मैदागिन, गोदौलिया मार्ग पर ट्रैफिक का दबाव कम करने के लिए शव वाहनों को मैदागिन के बजाय भदऊं चुंगी होते हुए भैंसासुर घाट ले जाने की रूट प्रशासन ने तय किया है। प्रशासन ने यहां मणिकर्णिका घाट जाने के लिए निःशुल्क एनडीआरएफ की तीन बोट तैनात किया है, लेकिन सैकड़ों शवों के लिए प्रशासन की व्यवस्था नाकाफी साबित हुई। जिससे शव लेकिन आने वाले परिजनों की परेशानी बढ़ गई है।
काशी के मोक्षदायिनी घाट मणिकर्णिका पर अंतिम संस्कार करना भी मुश्किल हो गया है। सड़क मार्ग से शव लेकर लोग भैंसासुर घाट तक तो पहुंच जा रहे हैं, लेकिन अंतिम संस्कार स्थल तक ले जाने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ रहा है। इसके लिए घंटों लाइन लगनी पड़ रही है। अंतिम संस्कार के लिए लोगों को 4 से 5 घंटे तक इंतजार करना पड़ रहा है।
प्राइवेट नावों का लेना पड़ रहा सहारा
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