Sunday, April 28, 2024
Uncategorizedझारखण्डनई दिल्लीलोकसभा चुनाव 2024

भाजपा का हाथ थाम सकती हैं………की भाभी, इस सीट से चुनाव लड़ने की अटकलें तेज, कटेगा दिग्गज नेता का पत्ता

रांची। 

राज्य में सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) का आंतरिक कलह सामने लगा है। इस क्रम में मंगलवार को जामा की पार्टी विधायक सीता सोरेन ने दल के महासचिव समेत प्राथमिक सदस्यता तक से त्यागपत्र दे दिया। उन्होंने झारखंड विधानसभा की सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया है। सीता सोरेन ने अपना इस्तीफा झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन को प्रेषित किया है, जिसमें उन्होंने कई आरोप लगाए हैं

सीता सोरेन झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन के बड़े पुत्र स्वर्गीय दुर्गा सोरेन की पत्नी हैं। उनका आरोप है कि पति के निधन के बाद से वे उपेक्षा की शिकार हैं। उन्हें पार्टी और परिवार से सदस्यों से अलग-थलग किया गया, जो उनके लिए अत्यंत पीड़ादायक है। उन्हें उम्मीद थी कि समय के अनुसार परिस्थितियों में सुधार होगा, लेकिन दुर्भाग्यवश ऐसा नहीं हुआ। उन्हें पति दुर्गा सोरेन ने खून-पसीने से झामुमो को बड़ा दल बनाया था।

पार्टी अब उन लोगों के हाथ में चली गई है जिनका दृष्टिकोण और उद्देश्य हमारे आदर्शों से मेल नहीं खाते। पत्र में उन्होंने उल्लेख किया है कि शिबू सोरेन ने सबको एकजुट रखने का पूरा प्रयास किया, लेकिन वे विफल रहे। सीता सोरेन का आरोप है कि उनके परिवार के विरुद्ध गहरी साजिश की जा रही है।

ऐसी स्थिति में उन्होंने निर्णय किया है कि झामुमो और इस परिवार को छोड़ना होगा। सीता सोरेन ने विधानसभा की सदस्यता से भी त्यागपत्र दे दिया है। विधानसभा अध्यक्ष को प्रेषित पत्र में उन्होंने झामुमो की प्राथमिक सदस्यता छोड़ने का हवाला देते हुए उल्लेख किया है कि पार्टी छोड़ने से उत्पन्न परिस्थितियों को देखते हुए वह विधायक पद से इस्तीफा दे रही हैं।

भाजपा में शामिल होने की अटकलें

सीता सोरेन लंबे समय से नाराज चल रही थीं। कयास लगाया जा रहा है कि वह भाजपा में शामिल हो सकती है। उनका मोबाइल अभी बंद है। उनके करीबियों के मुताबिक वह अभी दिल्ली में हैं और दो दिनों के पश्चात रांची लौटेंगी। जानकारी यह भी सामने आ रही है कि दुमका से भाजपा के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ सकती हैं। यदि दुमका से वह चुनाव लड़ती हैं तो भाजपा प्रत्याशी सुनील सोरेन का पत्ता साफ हो जाएगा।

कल्पना सोरेन के आगे बढ़ने से चिढ़, सीएम बनने में भी लगाया था पेंच

सीता सोरेन को उम्मीद थी कि हेमंत सोरेन मंत्रिमंडल में उन्हें जगह मिलेगी। ऐसा नहीं होने पर उनकी नाराजगी सामने आई थी। बाद में वह मान गईं। उनकी बेटियों ने दुर्गा सोरेन सेना का भी गठन किया था। जब हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी की नौबत आई तो उनकी पत्नी कल्पना सोरेन का नाम मुख्यमंत्री पद के लिए आगे आया। इसका सीता सोरेन ने कड़ा विरोध किया था। हालांकि, बाद में उनके तेवर नरम पड़ गए।

उन्होंने मीडिया पर बातों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने का आरोप लगाया। सीता सोरेन को उम्मीद थी कि चंपई सोरेन मंत्रिमंडल में उन्हें पद मिलेगा, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। जबकि हेमंत सोरेन के छोटे भाई और दुमका के विधायक बसंत सोरेन को महत्वपूर्ण विभाग मिले। इधर कल्पना सोरेन की झामुमो में सक्रियता बढ़ी तो सीता सोरेन को यह नागवार लग रहा था।

About The Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *