लाश में जान डालने का नायाब तरीका… मृत युवक को जिंदा करने के लिए शव को गोबर में कर दिया दफन…
कान्हाचट्टी (चतरा)। अंधविश्वास की जड़े इतनी मजबूत है कि उसे डिगाना आसान नहीं है। मृत जीवित नहीं हो सकता है। लेकिन अंधविश्वासी ग्रामीण इसे मानने को तैयार नहीं है। वे अपने जिद पर अड़े हुए हैं। मुर्दे को जिंदा करने के लिए शव को पांच घंटों से गोबर की मांद में दफन कर के रखे हुए हैं। मांद के आसपास सैकड़ों की भीड़ जमी हुई है। हर किसी को यह चमत्कार लग रहा है। परंतु यह तो असंभव है और असंभव कभी संभव नहीं हो सकता है।
करंट की चपेट में आकर हुई थी मौत
मामला चतरा जिले के राजपुर थाना क्षेत्र के सुरहुद गांव का है। करंट की चपेट में आने से गांव निवासी चुरामन यादव का 22 वर्षीय पुत्र मनीष कुमार की मौत हो गई। उसे घर लाकर अंतिम संस्कार करने की बजाय गोबर में दबा कर रखा गया और परिजन उसका जिंदा होने का इंतजार करते रहे।
दरअसल गांव में एक व्यक्ति का गृह प्रवेश था। मनीष जनरेटर ऑपरेटर था। जनरेटर स्टार्ट करने के दौरान वह बिजली तार के संपर्क में आ गया था। जिससे पूरी तरह झुलस गया। स्थानीय लोगों ने आनंद-फानन में उसे इलाज के लिए कान्हाचट्टी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे। लेकिन वहां चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध नहीं रहने के कारण सदर अस्पताल रेफर किया गया। जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
गोबर में शव को दबाकर रखा
उसके बाद युवक को पोस्टमार्टम करने के बजाय गांव के कुछ लोगों के कहने पर युवक को घर ले आए और वहां उसे गोबर में दबाकर रखे हुए हैं। ग्रामीणों ने बताया इस तरह के हादसे में झुलसे व्यक्ति गोबर की ठंडक से राहत मिलती है।
साथ ही गाय के गोबर में मौजूद एंटीबायोटिक की शक्ति से झुलसे लोगों की जान बच जाती है। वहीं गांव के ही कुछ लोगों का कहना है कि यह अंधविश्वास है। बहरहाल करीब पांच घंटों से युवक का शव गोबर के मांद में दफन है।
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