Sunday, April 28, 2024
उत्तर-प्रदेश

महिला प्रधान ने भी दी सिपाही भर्ती परीक्षा, कहा- चयन हुआ तो पुलिस को ही देंगी प्राथमिकता

बरेली, लखनऊ।पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क

बरेली में पुलिस सिपाही भर्ती लिखित परीक्षा में रविवार को एक महिला ग्राम प्रधान भी शामिल हुई। अपने पति के साथ परीक्षा केंद्र पहुंची प्रधान ने कहा कि पुलिस की नौकरी पाना प्राथमिकता रहेगी। फिलहाल वह प्रधान पद का दायित्व निभाती रहेंगी।

ठिरिया ठकुरान गांव की 32 वर्षीय महिला प्रधान रागिनी लंबे समय से पुलिस की तैयारी कर रही थीं। रविवार को बीएल इंटरनेशनल स्कूल केंद्र पर पुलिस भर्ती परीक्षा में शामिल होने पहुंची। उन्होंने बताया शुरुआत से ही पुलिस विभाग में शामिल होने की इच्छा थी। इसलिए वह घर और प्रधान पद का दायित्व निभाने के साथ प्रत्येक दिन एक से दो घंटे पढ़ाई भी करती हैं। 

उनकी शादी 12 साल पहले हुई थी। ऐेसे में पारिवारिक जिम्मेदारियों के कारण तैयारी नहीं कर पाईं। गांव में प्रधान पद के लिए महिला सीट आरक्षित होने से पति ने उन्हें चुनाव लड़वाया। दिन-रात गांव में अभियान चलाकर संपर्क साधा। उसके बाद जीत हासिल हुई। इस उपलब्धि के बाद भी पुलिस में भर्ती होने का जुनून कम नहीं हुआ। इसलिए पुलिस भर्ती की तैयारी की। 

प्राइवेट स्कूल में टीचर हैं रागिनी के पति 

उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग प्राथमिकता रहेगा। उनके पति अजयपाल सिंह निजी स्कूल में शिक्षक हैं। वह बताते हैं कि पत्नी की इच्छा है। इसलिए परीक्षा दिलाने लाया था। वह पुलिस भर्ती के लिए काफी समय से तैयारी कर रही है। रागिनी का मानना है, पुलिस ऐसा विभाग है जो दूसरे की सबसे अधिक सेवा करता है। सबकी मदद के लिए हमेशा तत्पर रहता है।

दूसरे दिन भी रीजनिंग के सवालों ने उलझाया

जिले के 47 केंद्रों पर रविवार को भी पुलिस भर्ती परीक्षा आयोजित की गई। इसमें अयोध्या, चंद्रयान और लक्षद्वीप से जुड़े सवाल छाए रहे। अभ्यर्थियों ने इन सवालों को आसानी से हल कर लिया पर गणित व रीजनिंग के सवालों में उलझे रहे। इन्हें हल करने में अभ्यर्थियों को अधिक समय लगा।

परीक्षा के बाद साहू गोपीनाथ केंद्र से बाहर निकले अभ्यर्थी सत्य प्रकाश, राहुल व अभिषेक ने बताया कि समसामयिकी के सवाल आसान रहे। अयोध्या, लक्षद्वीप व चंद्रयान जैसे चर्चित टॉपिक्स के जवाब देने में कोई समस्या नहीं हुई। क्योंकि, अखबार व सोशल मीडिया के जरिये हम इस तरह की जानकारियों से अपडेट रहे। 

गणित और रीजनिंग के सवालों ने असली चुनौती पेश की। 300 अंक पाने के लिए अभ्यर्थियों को 120 मिनट में 150 बहुविकल्पीय प्रश्न हल करने थे। निगेटिव मार्किंग के डर से अभ्यर्थी प्रत्येक सवाल का सटीक जवाब देने का प्रयास करते रहे।

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