Saturday, May 4, 2024
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प्रेग्नेंसी से लेकर न्यूड वीडियो कॉल तक… साइबर धोखाधड़ी से कैसे बचें; एक्सपर्ट ने दिए जरूरी टिप्स; आप भी कर लें नोट

भागलपुर। Cyber Froud Crime News लालच में आकर और जागरूकता के अभाव में लोग आए दिन ऑनलाइन धोखाधड़ी के शिकार हो रहे हैं। वॉट्सऐप, टेलीग्राम, एसएमएस या ई-मेल के जरिए मैसेज भेजकर साइबर अपराधी लोगों को लालच देते हैं और लोग उनके जाल में फंसकर अपनी महत्वपूर्ण जानकारी देकर आसानी से ठगी का शिकार जाते हैं। साइबर ठगी के इस जाल का भोले-भाले लोगों के अलावा पढ़े-लिखे लोग भी ब्लैकमेल के शिकार हो रहे हैं।

फेसबुक, वाट्सऐप जैसे इंटरनेट मीडिया प्लेटफॉर्म पर सक्रिय साइबर शातिर और विष कन्याओं के जाल में फंसकर सैकड़ों भोले-भाले लोग ब्लैकमेल के शिकार हुए हैं। विष कन्य बने साइबर शातिर वीडियो अतरंगी चैट कर उनके न्यूड फोटो लेकर उन्हें ब्लेकमेल कर रहे हैं।

साइबर अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए नए-नए पैंतरे अपना रहे हैं। बच्चे की चाहत रखने वाली महिलाओं को प्रेग्नेंट करने के काम के बदले 15 लाख रुपये का लालच देकर साइबर अपराधी युवाओं को अपना शिकार बना रहे हैं।

प्रेग्नेंट करने के नामपर ऐसे करते हैं धोखाधड़ी

नवादा जिले से साइबर थाना पुलिस ने ऐसे ही आठ साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है। इन सभी पर निसंतान दंपत्ति महिलाओं को प्रेग्नेंट करने के नामपर लोगों से धोखाधड़ी करने का आरोप है।

ये लोग ऑल इंडिया प्रेग्नेंट जाब (बेबी बर्थ सर्विस) के नामपर भोले-भाले लोगों को मोबाइल फोन के द्वारा संपर्क कर बताता था कि जिन महिलाओं को बच्चे नहीं होते है, उन महिलाओं को प्रेग्नेंट करना है। इसके बदले में आपको पैसे दिए जायेंगे।

अगर महिलाएं प्रेग्नेंट हो गई तो, 13 लाख रुपया देने का झूठा वादा करते थे। अगर प्रेग्नेंट नहीं हुई तो पांच लाख रुपए देने का झूठा वादा किया जाता था। जब भी कोई इनके जाल में फंस जाता तो, उससे सबसे पहले रजिस्ट्रेशन के नाम पर 799 रुपये ऐंठते थे। इसके बाद सेक्यूरिटी फीस के नाम पर उससे पांच हजार से लेकर बीस हजार तक ठग लेते थे।

वॉट्सऐप पर न्यूड वीडियो कॉल

इसके अलावा, वॉट्सऐप पर न्यूड वीडियो कॉल के जरिए भी साइबर अपराधी लोगों को अपने शातिराना जाल में फंसा रहे हैं। साइबर अपराधी एक वीडियो कॉल यह न्यूड कॉल लोगों के लिए आफत बन रही है। साइबर फ्रॉड में शामिल युवतियां इसे हथियार बनाकर ब्लैकमेलिंग और फ्रॉड का खेल कर रही हैं। अब ऐसे मामले लगातार बढ़ रहे है।

साइबर अपराधी पहले अज्ञात नंबर से वीडियो कॉल करते हैं। जिस नंबर से काल आता है, उसे अटेंड करने पर सामने महिला नग्न, अर्धनग्न हो जाती है। कॉल रिसीव करते ही साइबर अपराधी स्क्रीन शाट या स्क्रीन रिकॉर्डिंग कर लेता है।

स्क्रीन शाट्स में कॉल करने वाले और कॉल रिसीव करने वाले की तस्वीर आ जाती है। इसके बाद ब्लैकमेलिंग का सिलसिला शुरू होता है। इस तरह ठगी के शिकार हुए युवा इसकी शिकायत दर्ज नहीं करा पाते।

डॉक्टर, इंजीनियर भी हो रहे ठगी के शिकार

बीते चार वर्षों में फेसबुक, वाट्सएप जैसे इंटरनेट मीडिया प्लेटफॉर्म पर सक्रिय साइबर शातिर और विष कन्याओं के जाल में फंसकर सैकड़ों भोले-भाले लोग ब्लैकमेल के शिकार हो चुके हैं।

न्यूड वीडियो चैट और प्रेग्नेंसी ऑफर में इनके जाल में कई डॉक्टर, इंजीनियर, प्रोफेसर भी फंस चुके हैं। इनमें टीन एजर्स लड़के-लड़कियों के अलावा 50-55 साल तक के अधेड़ भी इस तरह के ठगी का शिकार हो रहे हैं। बदनामी के भय से शिकायत दर्ज कराने से कतराते हैं।

क्या कहते हैं साइबर एक्सपर्ट ?

साइबर एक्सपर्ट और इंजीनियर शुभम दुबे कहते हैं कि विदेशों में न्यूड वीडियो कॉल आदि के नामपर ठगी के शिकार हुए लोग की संख्या अधिक हुआ करती थी। अब अपने यहां भी ऐसे मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं। आधुनिक जीवन में सोशल मीडिया पर चैटिंग जरूरत और लाइफ स्टाइल का हिस्सा बन चुकी है।

शुभम दुबे कहते हैं कि चैटिंग के दौरान पता ही नहीं चलता कि कब एक दूसरे से काफी खुल जाते हैं। निहायत ही निजी बातें भी शेयर करने लगते। जबतक लोगों को अपनी भूल का एहसास होता तब तक काफी देर हो चुकी होती। साइबर शातिर इसी बात का फायदा उठाते हैं।

साइबर एक्सपर्ट के मुताबिक, चैट और वीडियो चैट करने के पहले इस बात की सतर्कता बरतनी होगी कि आपसे चैट करने वाला कौन है। अनचाहे चैट ऑफर को तुरंत ठुकरा देनी चाहिए। अब तो चैटिंग में बहुत जल्द ही साइबर शातिर न्यूड चैट का ऑफर देने लगते।

न्यूड होने का ऑफर आते ही सचेत हो जाना चाहिए कि उसकी मंशा क्या है? ऐसे में बदनामी के भय को दूर करते हुए तुरंत साइबर सेल, साइबर थाने में इसकी जानकारी देनी चाहिए।

कैसे करें बचाव ?

  • साइबर ठगी का एहसास होते ही पुलिस को इस संबंध में सूचना दें।
  • पांच लाख से ज्यादा रकम की ठगी होने पर साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराएं l
  • पांच लाख से कम की रकम की ठगी होने पर जिला पुलिस स्टेशन में शिकायत लेकर जाएं l
  • साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें। वहां शिकायत को फीड कर लिया जाता है। वहां से रियल टाइम ट्रैकिंग होती है l
  • cybercrime.gov.in पर भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं l
  • वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से मिलकर ठगी के संबंध में सूचना दे सकते हैं।
  • बिना देर किए अपने बैंक को सूचित करें।

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