Wednesday, May 8, 2024
नई दिल्ली

पिता ने नवजात बच्ची को मरने के लिए झाड़ियों में फेंका, लेकिन बच गई जान, लोग बोले. जाको राखे साईंया मार सके ना कोय…..

फरीदाबाद। मैं बेटी हूं, मुझे आने दो, मुझे आने दो। मुझे भी तितली की तरह गगन में उड़ना है। एक कठोर व निष्ठुर ह्रदय पिता पवन शायद बेटी की अन्तरात्मा की इस आवाज को न सुन सका और पैदा होते ही उसे मरने के लिए झाड़ियों में फेंक गया। लेकिन भगवान को कुछ और ही मंजूर था।

इसलिए कई घंटे सर्दी में बिना कपड़ों के सड़क किनारे झाड़ियों में पड़ा रहने वाली नवजात को कुछ नहीं हुआ और राहगीर की सूचना व पुलिस की मदद से बच्ची की जान बच गई।

यह घटना फरीदाबाद के सेक्टर.59 में मलेरना रोड किनारे की है। चार दिसंबर को यहां पुलिस को एक नवजात मिली थी। जो अब सकुशल है।

मामले में नया मोड़ तब आया जब इसकी मां पुलिस के पास अपनी नवजात बच्ची को ढूंढते हुए पहुंची। खुलासा हुआ कि बच्ची के पिता ने ही उसे मारना चाहता था। अब सेक्टर.58 थाना पुलिस ने आरोपित पिता के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसकी तलाश शुरू कर दी है।

महिला थाना पुलिस को मिली बच्ची
सेक्टर.59 में झाड़ियों में चार दिसंबर को एक बच्ची के रोने की आवाज किसी राहगीर को सुनाई दी। उसने इसकी सूचना पुलिस को दी। पुलिस मौके पर आई। उस समय बच्ची के शरीर पर कोई कपड़ा भी नहीं था।

ठंड की वजह से बच्ची कांप रही थी। उसे कुछ भी हो सकता था। नवजात बच्ची के पैर पर एक टैग है जिस पर लिखा हुआ है बेबी आफ नीतू। बल्लभगढ़ महिला थाना प्रभारी गीता और उनकी टीम ने बच्ची को तुरंत बादशाह खान अस्पताल पहुंचाया। इसके बाद डाक्टरों की वजह से बच्ची की जान बच गई।

बच्ची की मां पहुंची थाने
इधर मंगलवार को नीतू नामक महिला सेक्टर.58 थाने जा पहुंची। उसने अपनी नवजात बच्ची के बारे में जानकारी दी। पुलिस ने नवजात बच्ची का फोटो दिखाया तो नीतू ने उसे अपनी बेटी बताया। इसके बाद महिला को लेकर बादशाह खान अस्पताल आए और उसकी बेटी के पास छोड़ दिया।

महिला ने बताया कि पवन उसका दूसरा पति है। महिला के अनुसार पहले पति की मौत हो चुकी है। इसलिए वह पवन के साथ शादी कर करीब दो साल से जाजरू गांव में रहती है। पवन श्रमिक है। बच्ची उसी की है। दो दिन पहले उसने बल्लभगढ़ के सरकारी अस्पताल में बेटी को जन्म दिया था। बेटी को सांस कम आने की वजह से ऑक्सीजन की जरूरत थी। इसलिए उसे बादशाह खान अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया।

बच्ची का पिता पवन बच्ची को लेकर बादशाह खान अस्पताल के लिए निकला था। लेकिन उसने रास्ते में बच्ची को झाड़ियों में फेंक दिया। जब महिला अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद अपने घर पहुंची तो वहां न तो उसका पति पवन था और न ही बच्ची। जब उसने पवन को फोन करके पूछा तो उसने बताया कि बच्ची मर चुकी है। इसलिए उसने उसे झाड़ियों में फेंक दिया।

महिला को शक हो गया। उसके घर से आभूषण व रुपये भी गायब थे। वह बच्ची की तलाश में जुट गई। उसे पता लगा कि यदि बच्ची मर गई है तो इसकी सूचना जरूर पुलिस के पास गई होगी। इसलिए वह सेक्टर.58 थाने पहुंच गई। जब जाकर उसे सच्चाई का पता लगा। इस घटना के बाद नीतू काफी आहत है। नीतू ने पुलिा को यह भी बताया कि उसका पति पवन घर से आभूषण और कुछ रुपये भी ले गया है।

नवजात की मां की शिकायत पर आरोपित पवन के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। दो टीमें उसकी तलाश कर रही हैं।

अनूप कुमार, थाना प्रभारी, सेक्टर.58

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