Saturday, May 11, 2024
नई दिल्ली

सांप के काटने से छात्र की मौत, फिर शुरू हुआ अंधविश्वास का खेल, पढ़ें अजब.गजब मामला…..

मुरादाबाद। मुरादाबाद में सपेरे के बहकावे में आकर ऊंचाकानी गांव में सर्पदंश के शिकार 14 वर्षीय छात्र के जिंदा होने के इंतजार में परिजन 12 दिन रहे। झाड़.फूंक कर शव गड्ढे में दबवाने के बाद सपेरे फिर आने का आश्वासन दे गए थे, लेकिन काफी इंतजार के बाद भी जब वह नहीं आए और किशोर के शव से दुर्गंध उठने लगी तो निराश परिजनों ने मंगलवार को शव का अंतिम संस्कार कर दिया।

कुंदरकी थाना क्षेत्र के ऊंचाकानी गांव में कक्षा सात के छात्र वरुण 14 को नौ नवंबर को सोते वक्त सांप ने डंस लिया था। सर्प दंश से वरुण की मौत हो गई थी। इसी दौरान परिवार के लोगों से एक सपेरे ने संपर्क किया और उन्हें आश्वस्त किया कि वह छात्र को जिंदा कर देगा। छात्र के परिजन सपेरे के बहकावे में आ गए और सपेरे के कहने पर उसका शव गड्ढा खोदकर दबा दिया।

सपेरा शव गड्ढे में दबवाने के बाद पुनः वापस आकर छात्र को जिंदा करने का आश्वासन देकर रफूचक्कर हो गया। सपेरे के झांसे में आए छात्र के परिवार के लोग उसका लौटने का इंतजार करते रहे। सपेरे के वापस न आने से परिजन निराश होने लगे और छात्र के शव से बदबू भी फैलने लगी। इस पर परिजनों ने मंगलवार को पुनः गड्ढा खोदकर छात्र का शव बाहर निकाला और परफ्यूम छिड़क कर उसका अंतिम संस्कार कर दिया।

छात्र वरुण के परिवार के लोग सपेरे के झांसे में इस कदर आ गए थे कि उन्हें पूरा विश्वास हो चला था कि उनका बेटा अवश्य जिंदा हो जाएगा। यही कारण था कि वह 12 दिन तक वरुण के जिंदा होने का इंतजार करते रहे। इस दौरान गांव में तरह.तरह की चर्चाएं होने पर वरुण के परिवार के लोगों ने अन्य लोगों के आने.जाने पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी थी। अपने घर की ओर आने वाली गली के बाहर बल्लियां तक लगा दी थीं।

सर्प दंश के शिकार वरुण का शव गड्ढे में दबवाने वाले सपेरे से धोखा खाने के बाद भी परिवार वालों का अंधविश्वास कम नहीं हो पाया। परिजन सपेरे के आने का इंतज़ार करते रहे, लेकिन सपेरा वापस गांव नहीं आया। परिजन बेटे को गड्ढे में दबाए रात भर उसकी रखवाली करते रहे। सपेरे ने 19 नवंबर को वापस आने का झांसा दिया थाए लेकिन वह नहीं आया।

इसके बाद भी वरुण के परिजन झाड़.फूंक से बेटे के जिंदा होने का भ्रम पाले रहे। परिजनों को पता चला कि राजस्थान के सपेरों ने एक किशोर को जिंदा कर दिया था। जब परिजनों ने उनसे बातचीत की तो उन सपेरों ने मना कर दिया। इसके बाद किशोर का अंतिम संस्कार कर दिया गया।

 

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