Monday, April 29, 2024
आगराउत्तर-प्रदेश

जंगल में अपने कुनबे के बीच यहां पहुंचा गया तेंदुआ, पकड़ा गया……

पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क

आगरा। एत्मादुद्दौला के सीतानगर इलाके में कई घंटे तक दहशत फैलाने वाला तेंदुआ अब आगरा के घनी आबादी वाले इलाके से दूर सहारनपुर के जंगल में छोड़ा जा चुका है। रेस्क्यू किए गए तेंदुए को सहारनपुर के जंगलों में छोड़ने की अनुमति मिल गई थी। मंगलवार से बुधवार तक तेंदुए को लगभग तीन किलो मीट खाने को दिया गया। तेंदुआ पूरी तरह से स्वस्थ है और देर रात वाइल्‍ड लाइफ एसओएस की टीम उसे जंगल में छोड़कर लौट आई है।

तेंदुए को रेस्क्यू करने के बाद वाइल्ड लाइफ एसओएस ने कीठम में रखा था। जहां उसका चिकित्सकीय परीक्षा हुआ। जिसमें वो पूरी तरह से स्वस्थ पाया गया। नर तेंदुए को मंगलवार को डेढ़ किलो मीट खाने को दिया गया था। बुधवार को सहारनपुर के जंगलों में छोड़ने से पहले भी उसे डेढ़ किलो मीट खाने को दिया गया। इस दौरान उसे डबल पिंजरे में रखा गया और काफी देर तक एकांत में रहने के बाद वह सामान्‍य हुआ था। एसओएस के श्रेष्ठ पचौरी ने बताया कि तेंदुए को छोड़ने की अनुमति मिलने के बाद टीम यहां से उसे लेकर गई थी।

यमुना किनारे आया तेंदुआ

आगरा के आसपास चंबल के जंगलों और भरतपुर के जंगलों में तेंदुए हैं। पर यह तेंदुआ कहां से आया है। इस पर अभी अधिकारिक तौर पर किसी को जानकारी नहीं है। विभागीय सूत्रों के अनुसार यह तेंदुआ रणथंबौर से भी आ सकता है क्योंकि तेंदुआ एक दिन में कई किलोमीटर की दूरी तय कर सकता है। जानवर नदी में पानी पीते हैं और नदी के किनारे.किनारे चलते हुए आबादी वाले क्षेत्रों में पहुंच जाते हैं।

नहीं है कोई परिवार

तेंदुए का परिवार होने की संभावना थी। जिसे बाद में नकार दिया गया। जानकारों के मुताबिक अगर तेंदुए का परिवार होता तो वो भटक कर शहर में नहीं आता। तेंदुआ अपने क्षेत्र में रहता है। क्षेत्र में बाहर आते ही उसके भटकने के आसार ज्यादा होते हैं।

बंदर भी खाते हैं तेंदुए

तेंदुआ देसी श्वान, बंदर, बकरी, मुर्गियां, खरगोश आदि खाते हैं। माना जा रहा है कि इस तेंदुए ने भी देसी श्वानों, मुर्गियों और बंदरों का शिकार किया होगा।

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