Thursday, April 24, 2025
इलाहाबादउत्तर-प्रदेश

क्या अंतरधार्मिक शादी के लिए धर्म बदलना है जरूरी? पढ़ें इलाहाबाद हाई कोर्ट का फैसला……

 प्रयागराज। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा है कि निश्चित ही शादी का करार अवैध है, परंतु विशेष विवाह अधिनियम किसी को बिना धर्म बदले विवाह बंधन में बंधने से प्रतिबंधित नहीं करता। विपरीत धर्म में आस्था रखने वाले जोड़े विशेष विवाह अधिनियम के तहत शादी कर सकते हैं।

धर्म बदलना जरूरी नहीं

धर्म बदलना जरूरी नहीं है। कोर्ट ने पुलिस को विपक्षी से याचियों की सुरक्षा करने का निर्देश दिया है और अपनी सदाशयता दिखाने के लिए याचियों से विशेष विवाह कानून के तहत शादी कर दस्तावेज कोर्ट में दाखिल करने का आदेश दिया है। याचिका की अगली सुनवाई 10 जुलाई को होगी।

यह आदेश न्यायमूर्ति ज्योत्सना शर्मा ने सुनीता रानी व अन्य की याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है। याचियों का कहना है कि दोनों एक-दूसरे से प्यार करते हैं। पति-पत्नी की तरह लिव इन रिलेशन में रह रहे हैं। दोनों बालिग हैं। वे बिना धर्म परिवर्तित किए विशेष विवाह कानून के तहत शादी करना चाहते हैं।

विपक्षी से उनकी सुरक्षा को खतरा है। बिना सुरक्षा वे स्वतंत्र जीवन नहीं बिता सकते। इसलिए उन्हें सुरक्षा दी जाए। वे धर्म परिवर्तन नहीं करेंगे। बिना धर्म बदले शादी कर पति-पत्नी को रूप में रहना चाहते हैं। सरकारी वकील ने कहा कि याचीगण ने शादी का करार किया है, जिसे कानूनी मान्यता नहीं है। इसलिए उन्हें सुरक्षा नहीं दी जा सकती।

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