Monday, April 29, 2024
उत्तर-प्रदेशलखनऊ

तस्करों का जुगाड़ देख पुलिस भी चकराई, उड़ीसा से राजस्थान जा रहा एक करोड़ का गांजा पकड़ा गया, दो गिरफ्तार……

पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क

यूपी के सोनभद्र जिले में पुलिस ने करीब 10 क्विंटल गांजे के साथ दो अंतरराज्यीय तस्करों को गिरफ्तार किया है। गांजा उड़ीसा से राजस्थान ले जाया जा रहा था। ट्रक में कबाड़ की बोरियां लदी थी। इसके नीचे गांजा छिपाया गया था। पुलिस टीम ने पूछताछ के बाद तस्करों को संबंधित धाराओं में जेल भेज दिया। बरामद गांजे की कुल कीमत करीब एक करोड़ रुपये से ज्यादा आंकी गई है।

सोनभद्र एसपी डॉ. यशवीर सिंह ने बताया कि अवैध मादक पदार्थ की बिक्री व तस्करी रोकने के लिए एएसपी कालू सिंह व सीओ घोरावल अमित कुमार के निर्देशन में टीम गठित की गई थी। मुखबिर की सूचना पर शनिवार रात एसओजी व करमा पुलिस की संयुक्त टीम ने सोनभद्र.मिर्जापुर मुख्य मार्ग पर टिकुरिया गांव के पास घेराबंदी कर राजस्थान नंबर के एक ट्रक को रोका।

तलाशी के दौरान ट्रक में पुराने कांच के कबाड़ से भरी बोरियों के नीचे गांजा छिपाकर रखा गया था। ट्रक की बॉडी में इसके लिए अलग से चेंबर बना था। जिसमें 150 बड़े व 112 छोटे बंडल में कुल 981 किलोग्राम गांजा भरा था। पकड़े गए तस्करों की पहचान राजस्थान के भरतपुर जिले के रूपवास थाना अंतर्गत नरेंद्र सिंह और नागौर जिले के मेड़ता सिटी थाना क्षेत्र निवासी सीताराम बेड़ा के रूप में हुई।

एसपी ने बताया कि तस्करों से पूछताछ में मिली जानकारी के बाद विशाल अग्रवाल नामक तीसरे शख्स के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कर उसकी गिरफ्तारी के लिए टीम लगाई गई है। बरामद गांजा करीब एक करोड़ व वाहन की कीमत करीब 30 लाख रुपये है। पुलिस टीम में सीओ घोरावल अमित कुमार, करमा एसओ देवेंद्र प्रताप सिंह, एसएसआई विमलेश कुमार सिंह, एसआई आशीष पटेल आदि शामिल रहे।

चूड़ी बनाने वाला कांच बताकर ले जाते थे गांजा

दोनों ने पूछताछ में बताया कि वह ट्रक लेकर फिरोजाबाद से उड़ीसा जाते हैं। तोतापाड़ा में एक होटल के बाहर गाड़ी खड़ी कर देते हैं। वहं विशाल अग्रवाल का कोई आदमी गाड़ी ले जाता है। दो दिन बाद गाड़ी लोडकर हमें देता है। गाड़ी में नीचे गांजा और ऊपर कांच का कबाड़ लदा होता है। जिससे किसी को कुछ पता नहीं चलता।

गाड़ी को फिरोजाबाद में चूड़ी बनाने वाला कांच बताते हुए लेकर जाते हैं। फिरोजाबाद पहुंचने पर वहां शहर की एक टंकी पर गाड़ी खड़ी करा ली जाती है। आगे फिर विशाल अग्रवाल अपने किसी आदमी को भेजकर गाड़ी मंगवा लेता है। इस तरह पहले भी कई बार गाड़ी ले जा चुके हैं।

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