Thursday, April 24, 2025
उत्तर-प्रदेशलखनऊ

चेन्नई से गोरखपुर चिड़ियाघर के लिए आ रहे दो अजगर की हीट स्ट्रोक से मौत, लखनऊ से इजरायली जेब्रा लाना बनी चुनौती…..

पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क

गोरखपुर। चेन्नई के अरिगनर अन्ना जूलाजिकल पार्क से गोरखपुर चिड़ियाघर के लिए कानपुर प्राणि उद्यान की टीम द्वारा लाए जा रहे दो रिटीकुलेटेड पाइथन अजगर की उपचार के दौरान कानपुर चिड़ियाघर में मौत हो गई। लाते समय रास्ते में ही गर्मी के कारण दोनों को हीट स्ट्रोक हो गया। कानपुर चिड़ियाघर में चिकित्सकों ने उपचार कर उन्हें बचाने की काफी कोशिश की, लेकिन सफलता नहीं मिली।

गर्मी अधिक होने के कारण बिगड़ी वन्य जीवों की तबियत

गत तीन अप्रैल को कानपुर चिड़ियाघर के लिए लाए जा रहे वन्य जीवों के साथ रिटीकुलेटेड पाइथन भी लाए जा रहे थे। रास्ते में हाईवे पर पहले से ट्रक पलटने के कारण जाम लगा था। इस कारण लगभग दो घंटे तक वन्य जीवों को ला रहे वाहन को खड़ा होना पड़ा। गर्मी अधिक होने के कारण हीट स्ट्रोक से उनकी तबीयत बिगड़ गई।

गोरखपुर चिड़ियाघर के पशु चिकित्सक डॉ. योगेश प्रताप सिंह ने बताया कि अब पुनः नए सिरे से गोरखपुर के लिए दो रिटीकुलेटेड पाइथन लाने की तैयारी शुरू हो गई। इस बार वातानुकूलित वाहन द्वारा उन्हें लाया जाएगा, ताकि किसी प्रकार की क्षति न हो। लगभग 2400 किमी की लंबी दूरी तय करने के कारण भी उनकी तबीयत पर असर पड़ा। उन्होंने बताया कि हीट स्ट्रोक से मृत दोनों रिटीकुलेटेड पाइथन लगभग 20.20 किलो के थे और उनकी लंबाई लगभग 12 फीट थी।

पिंजड़े में नहीं घुस रहे जेब्रा

शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणि उद्यान प्रशासन के लिए लखनऊ चिड़ियाघर से जेब्रा लाना चुनौती बन गई है। इजरायल से लाकर लखनऊ में रखे गए दो जेब्रा को लाने के लिए विभाग को अब समिति गठित करनी पड़ी है। जेब्रा को लखनऊ से गोरखपुर लाने के लिए पूरी तैयारी हो चुकी थी। जब चिड़ियाघर की टीम उन्हें लाने वहां पहुंची और उन्हें पिजड़े में प्रवेश कराने की कोशिश की तो वह असफल हो गए। कई बार प्रयास किया, लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगी। अंततः विभाग को समिति बनानी पड़ी, ताकि वह इसका कोई ठोस हल निकाल सकें।

समिति में शामिल किए गए ये विशेषज्ञ

गठित समिति में गोरखपुर व लखनऊ प्राणि उद्यान के निदेशक, पशु चिकित्साधिकारी के साथ ही आइबीआरआइ ;इंडियन वेटनरी रिसर्च इंस्टीच्यूट बरेली एवं मथुरा विवि के विशेषज्ञों को रखा गया है, जो उनको यहां तक लाने की रणनीति बनाएंगे। यदि वर्तमान परिस्थितियों में वह नहीं ला पाते हैं जो इजराइल से विशेषज्ञों की टीम बुलाकर जेब्रा को प्राणि उद्यान तक लाने का कार्य किया जाएगा।

क्या कहते हैं पशु चिकित्सक

चिड़ियाघर के पशु चिकित्सक डॉ. योगेश प्रताप सिंह ने बताया कि पिछले डेढ़ साल से विभिन्न उपायों के जरिये जेब्रा के जोड़े को ट्रांसपोटेशन केज में लाने की कोशिश की जा रही है। लेकिन अभी तक यह प्रयास सार्थक न हीं हो सकता है। ऐसे में समिति अब उचित निर्णय लेगी और सप्ताह भीतर अपनी रिपोर्ट प्रधान मुख्य वन संरक्षक, वन्य जीव उप्र को सौंप देगी। इसके बाद आगे की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

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