चकिया: 26 वर्ष पुराने हत्या के मामले में 3 दोषियों को हुई आजीवन कारावास की सजा……. अवैध संबंध के चलते हुई थी हत्या
फोटो – फाइल गेट का
चंदौली।
26 वर्ष पुराने हत्या के मामले में दोषियों को हुई आजीवन कारावास की सजा। प्रत्येक अभियुक्तों को 15000-15000 का जुर्माना भी अदा करना होगा।


चकिया थाना अंतर्गत रामपुर कला निवासी राम अनन्त सिंह उर्फ कवि की हत्या अवैध सम्बन्धों को लेकर सर्फराजी देवी पत्नी सुक्खू, सुक्खू पुत्र सुक्खन व बेचू बियार द्वारा कर दी गयी थी। जिसमें धारा 302 सपठित 34 भा. द. सं. के तहत मृतक के पट्टीदार दिवाकर सिंह द्वारा प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी।


संक्षेप में कथानक इस प्रकार है कि राम अनन्त सिंह का अवैध सम्बन्ध सुक्खू की पत्नी समराजी उर्फ सर्फराजी से था जिसके चलते समराजी उर्फ सर्फराजी बच्चों सहित अपने मायके में ही रह रही थी। समराजी से अवैध संबंध के चलते उसके पति सुक्खू व समराजी का भाई बेचू रंज मानते रहे जिसके चलते 25-9-1996 को समय लगभग 2 बजे दोपहर मुल्जिमान रमा अनन्त की हत्या उन्हीं के घर में कर दिए।


शोरगुल की आवाज पर प्रार्थी जब राम अनन्त के घर के समीप पहुँचा तब मुल्जिमान को मृतक के घर से अस्त व्यस्त हालत में निकलकर भागते हुए देखा। प्रार्थी के शोर पर गाँव के बहुत से लोग जुट गए। अंदर जाकर देखा गया तो उनके घर में काफी खून गिरा हुआ पाया गया व राम अनन्त की लाश गोइठा के नीचे दबा पड़ा है। मुल्जिमान की नीयत लाश को फूँकने की थी। मौके पर असलहा भी पड़ा हुआ है। प्रार्थी ने घटना की सूचना राम अनन्त उर्फ कवि के ससुराल मौजा पिपरिया में दिया। रिपोर्ट दर्ज कर करवाई करने की प्रार्थना की गयी।

न्यायालय में मुकदमे के विचारण के दौरान कुल 9 साक्षी परीक्षित हुए। अभियोजन और बचाव पक्ष की बहस सुनने के एवं पत्रावली का अवलोकन करने के बाद जनपद एवं सत्र न्यायाधीश श्री सुनील कुमार (चतुर्थ) ने विभिन्न परिस्थितियों 1- मृतक राम अनन्त उर्फ कवि एवं अभियुक्ता समराजी के अवैध सम्बन्ध, 2- मृतक की पत्नी और बच्चों का मृतक का अभियुक्ता सर्फ़राजी से अवैध संबंध होने के कारण मायके में रहना, 3- मृतक से अभियुक्ता सर्फ़राजी का अवैध सम्बन्ध होने के कारण सर्फराजी के पति व उसके भाई बेचू कस नाराज रहना, 4- अभियुक्तगण को घटना के बाद मृतक के घर से भागते हुए देखा जाना, 5- मृतक राम अनन्त उर्फ कवि की नृशंश हत्या कारित किया जाना एवं 6- घटना स्थल एवं अभियुक्त बेचू से की गई बरामदगी एवं विधि विज्ञान प्रयोगशाला की रिपोर्ट इत्यादि को दृष्टिगत रखते हुए अभियुक्तगणों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई तथा प्रत्येक को 15000-15000 के अर्थदण्ड से दंडित किया अर्थदण्ड अदा न कर सकने की स्थिति में प्रत्येक अभियुक्त को 6 महीने का अतिरिक्त कठोर कारावास भोगना होगा।
अभियोजन की तरफ से जिला शासकीय अधिवक्ता फौ. शशि शंकर सिंह, सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता राम अवध यादव व राजेन्द्र कुमार पाण्डेय ने तर्क प्रस्तुत किया।
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