किसानों पर महंगाई की मार, अब 1200 की बजाय 1350 रुपये बोरी में मिलेगी खाद……
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
गोरखपुर। गोरखपुर जिले में गेहूं की कटाई शुरू हो चुकी है। मई प्रथम सप्ताह से किसान खरीफ की तैयारी में भी जुट जाएंगे और इसके साथ ही उन्हें डीएपी खाद की आवश्यकता होगी। इस बार जिले के किसानों को डीएपी के लिए 31.5 करोड़ रुपये देने होंगे। पहले किसान डीएपी के लिए 27.99 करोड़ रुपये देने होते थे। अर्थात अब खरीफ की खेती 3.5 करोड़ रुपये महंगी हो जाएगी। ऐसा डीएपी की कीमत बढ़ने से हुआ है। डीएपी का नया स्टाक 1200 रुपये प्रति बोरी के बजाय किसानों को 1350 रुपये में मिलेगी।
रबी की अपेक्षा खरीफ में कम डीएपी की होती है आवश्यकतारू डीएपी में 18 प्रतिशत नाइट्रोजन व 46 प्रतिशत फास्फोरस होता है। फसल को समय.समय पर इसकी जरूरत होती है। गोरखपुर में रबी की अपेक्षा खरीफ में कम डीएपी की आवश्यकता होती है। उसकी प्रमुख वजह है कि बाढ़ग्रस्त क्षेत्र होने के कारण यहां के किसान गेहूं की अपेक्षा चावल पर जोर कम देते हैं। बावजूद इसके खरीफ के सीजन में यहां किसानों को एक लाख पांच हजार क्विंटल डीएपी की आवश्यकता होती है। अर्थात दो लाख 33 हजार 310 बोरी यूरिया। किसान यहां अब तक 1200 रुपये बोरी डीएपी खरीदते रहे हैंए लेकिन अब डीएपी प्रति बोरी 150 रुपये महंगी हो गई है। रबी के सीजन में जिले में 234000 क्विंटल डीएपी की आवश्यकता होती है। अर्थात 519948 बोरी डीएपी। पहले इसके लिए किसानों को 62.39 करोड़ रुपये देने होते थे। अब रबी की डीएपी के लिए किसानों को 70.19 करोड़ रुपये देने होंगे।