चकियाः डूबते सूरज को व्रती महिलाओं ने दिया अर्घ्य, मां काली जी पोखरे पर उमड़ा महिलाओं का रेला, चारों तरफ पुलिस फोर्स की रही तैनाती……
रिपोर्ट-राम आशीष भारती
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
चकिया, चंदौली। छठ पर्व पर शाम होते ही नदियों, पोखरों और तालाबों के छठ घाटों पर महिला श्रद्धालुओं का रेला उमड़ पड़ा। व्रती महिलाएं घुटने भर पानी में खड़ा होकर डूबते भगवान भास्कर को प्रथम अर्घ्य दिया। रात भर नगर और देहात में छठ मईया के गीत गूंजते रहे।
छठ व्रत रखने वाली महिलाएं बुधवार की सुबह से ही तैयारी में लग गईं। विविध प्रकार के पकवान बनाए गए। इसे एक बड़े पात्र में रखा गया। सुबह से ही निर्जल रहकर स्नानादि और श्रृंगार कर महिलाएं परिवार के लोगों के साथ छठ घाटों पर पहुंची। दीप प्रज्वलित कर छठ मईया की पूजा की गई।
इसके बाद एक दीप गंगा मईया और एक दीप भगवान भास्कर को अर्पित किया गया। यह सब करने के बाद महिलाएं नदी, तालाब और पोखरों में कमर भर पानी में जाकर खड़ी हो गईं। भगवान भास्कर के डूबने पर उन्हें अर्घ्य दिया गया। इसके बाद व्रती महिलाएं परिवार के सदस्यों के साथ घर लौट आईं।
सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही यह व्रत पूरा हो जाएगा। स्थानीय नगर के मां काली जी मंदिर पोखरा समेत ग्रामीण क्षेत्र के छठ घाटों पर व्रती महिलाओं ने डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया। यहां मेले जैसा दृश्य देखने को मिला। वहीं पोखरा परिसर में युगांधर सेवा समिति व जय मां काली सेवा समिति द्वारा सहायतार्थ शिविर लगाया गया था। युगांधर सेवा समिति का उद्घाटन विधायक शारदा प्रसाद व वरिष्ठ चिकित्सक डा. गीता शुक्ला ने फीता काटकर किया।
मन्नत पूरी होने पर भरी कोसी
मन्नत पूरा होने पर महिलाएं छठी मईया की कोसी भरतीं हैं। हर साल की तरह इस साल भी तमाम महिलाओं ने कोसी भरा। इसमें उनके परिवारए रिश्तेदार और परिचित शामिल हुए।
छठ गीतों से गूंजा नगर और देहात
व्रती महिलाएं छठ मईया के पारंपरिक गीत गाते हुए छठ घाटों तक पहुंची। विधि विधान से पूजा पाठ करने के बाद व्रती महिलाओं ने अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया। इसके बाद फिर छठ मईया के गीत गाते हुए घर आ गईं।
परिवार के लोग गए साथ
व्रती महिलाओं के साथ उनके परिवार के लोग भी छठ घाटों पर पहुंचे। इसके चलते हर घाट पर भारी भीड़ हो गई थी। घाटों पर मेले जैसा दृश्य दिख रहा था। कुछ लोगों ने चाय, चाट और गुब्बारा आदि की दुकान रखा था। बच्चे इसकी खूब खरीदारी कर रहे थे।
जगमग रहे घाट, फोड़े गए पटाखे
नगर के छठ घाटों को जगमग करने के लिए नगर पंचायत प्रशासन व छठ पूजा गठित समितियां द्वारा कई दिनों से तैयारी की जा रही थी। नगर समेत ग्रामीण क्षेत्र के सभी घाटों पर जेनरेटर की व्यवस्था की गई थी। वहीं काली जी पोखरे के चारों ओर लाइट जल रही थी। इससे व्रती महिलाओं और अन्य लोगों को कोई दिक्कत नहीं हुई। वहीं भगवान भास्कर के अस्त होते ही बच्चों ने पटाखे फोड़े। राकेट से आसमान सतरंगी हो गया था।
सुरक्षा व्यवस्था ऐसी की परिंदा भी नहीं मार सका पर
एसपी अंकुर अग्रवाल द्वारा सभी थाना प्रभारियों को छठ पर्व को लेकर कड़ा निर्देश दिया गया था। जिसे लेकर थाना प्रभारी व पुलिस के जवान सजग दिखें। चकिया कोतवाल राजेश यादव द्वारा काली जी पोखरे सहित नगर के सभी चौराहों व तिराहों पर पुलिस फोर्स की तैनाती की गई थी। कोतवाल ने कहा कि पोखरे परिसर में महिला कांस्टेबल सहित भारी पुलिस फोर्स की तैनाती की गई है। वहीं चोर उच्चकों पर पुलिस विशेष नजर बनाई हुई है। नगर के चारो तरफ फोर्स की तैनाती की गई है। जिससे ब्रती महिलाओं व परिजनों को किसी प्रकार की कोई दिक्कत न हो। वहीं काली जी पोखरे में एनडीआरएफ की टीम व महिला पुलिस कांस्टेबल की ड्यूटी लगाई गई है। पानी में भी महिलाओं को किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो।