चुनाव जिताने के लिए इतने लाख लिए थे एसडीएम, लगा आरोप प्रत्याशी ने ऑडियो किया लीक……
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
लखनऊ। तत्कालीन सैफ़ई एसडीएम हेम सिंह पर प्रधानी चुनाव में जीत का सर्टिफिकेट देने के एवज में 15 लाख रुपये लेने का हारे हुए प्रत्याशी ने आरोप लगाया है। प्रत्याशी ने फोन पर एसडीएम से रुपए वापस देने का ऑडियो मीडिया को दियाण् वहीं ऑडियो में एसडीएम प्रत्याशी से बैठकर मामला निपटाने की बात कहते नजर आ रहे हैं।
पीड़ित ने राज्यपाल, मुख्यमंत्री, डीएम, एडीएम से लगातार शिकायत कर रहा है। पीड़ित ने डिप्टी सीएम केशव प्रसाद से भी शिकायत की है। वहीं इस मामले पर एसडीएम भर्थना हेम कुमार सिंह ने अपना पक्ष रखने से साफ इंकार कर दिया और उक्त प्रकरण पर जांच करवाने की बात कहते नजर आ रहे है।
एडसीएम से बातचीत का वीडियो किया वायरल
बता दें बीते दिन दोपहर के दौरान कांग्रेस कार्यालय में सफाई ग्राम कथुआ के निवासी रामपाल ने तत्कालीन एसडीएम सैफई हेमसिंह पर पंचायत चुनाव के दौरान प्रधानी का चुनाव जिताने के एवज में 15 लाख रुपए रिश्वत लेने का आरोप लगाया। वहीं आरोप लगाने वाले व्यक्ति रामपाल ने एसडीएम सफाई हेम सिंह की ऑडियो भी वायरल की है जिसमें खुद एसडीएम सफाई हेम सिंह रामफल से मिलने की बात कर रहे हैं।
उसी ऑडियो में रामफल के द्वारा चुनाव ना जीतने के बाद पैसा वापस करने की मांग की जा रही है। जिस पर एसडीएम सैफई मिलने की बात कह रहे हैं। वहीं इस पूरे मामले में आरोप लगाने वाले व्यक्ति रामफल ने एसडीएम सैफ़ई जो कि अब भरथना तहसील के एसडीएम बनाए गए हैं के खिलाफ एडीएम इटावा जिलाधिकारी इटावा के साथ ही उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के पास भी लिखित में शिकायत की गई है।
जानबूझकर फंसाया जा रहा है. एसडीएम
पीड़ित का कहना है कि इतनी बड़ी रकम देने के बाद भी वह चुनाव हार गया और जिसके बाद एसडीएम साहब अब पैसा वापस करने को तैयार नहीं है। जमीन बेचकर पीड़ित ने चुकाई रकम थी। वहीं इस पूरे मामले में एसडीएम हेम सिंह का कहना है कि उन्हें जानबूझकर फंसाया जा रहा हैं। जब उनसे पूछा गया कि ऑडियो में आवाज उन्हीं की है तो इस बात को उन्होंने माना कि बात उन्होंने की थी लेकिन पैसे के लेनदेन से उनका कोई लेना देना नहीं है।
मामले को लेकर किसी भी जांच को तैयार हैं एसडीएम
इस पूरे मामले में हैरानी की बात ये है कि एक साधारण आदमी फोन पर एसडीएम से लाखों रुपया वापस करने की बात कर रहा है तो वहीं एसडीएम साहब खुद उसको फोन कर उससे मिलने की बात कर रहे हैं। वहीं जब एसडीएम साहब से पूछा गया कि अगर उस व्यक्ति के द्वारा उनके विरुद्ध षड्यंत्र किया गया है तो एक मजिस्ट्रेट होने के नाते उस पर तुरंत क्यों नहीं मुकदमा दर्ज किया गया। इस बात का एसडीएम साहब के पास कोई जवाब नहीं था।
वहीं इस पूरे मामले में एसडीएम से हैं उनकी बात रखने की बात की गई तो एसडीएम साहब ने साफतौर पर मीडिया को इंटरव्यू देने से मना कर दिया। वहीं एसडीएम साहब इस पूरे मामले को लेकर किसी भी जांच को तैयार हैं।