हाई कोर्ट का जज, मंत्री और अधिकारी बनकर ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़, इन तरीकों से लोगों को फंसाते थे
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बिहार का सरगना समेत छह साइबर अपराधी गिरफ्तार
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इलाहाबाद हाईकोर्ट का जज बन विधायक से मांगा था पैसा
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गिरोह के खिलाफ 15 राज्यों में दर्ज हुई थी 9607 शिकायत

डीसीपी कुलदीप सिंह गुनावत ने बताया कि साइबर अपराधियों के एक संगठित गिरोह द्वारा न्यायाधीश, सांसद, सीनियर अधिकारी बनकर पैसे की मांग की जाती थी। एक न्यायाधीश के संबंध में प्राप्त शिकायत के आधार पर जनवरी 2025 में अभियोग पंजीकृत किया गया था। इसके बाद प्रभारी निरीक्षक साइबर थाना राजीव तिवारी, इंस्पेक्टर मो. आलमगीर की टीम को विवेचना व गिरफ्तारी के लिए लगाया गया था।

साइबर हेल्पलाइन 1930 पर कुल 9607 साइबर शिकायत हुई थी। साइबर अपराधियों ने ठगी के लिए 52 अकाउंट इस्तेमाल किया था, जिसके बारे में
ऐसे काम करता था गिरोह
पूछताछ में पता चला है कि गिरोह तीन तरीके से काम करता था। पहली टीम भोले-भाले गरीब लोगों को कुछ पैसों का लालच देकर उनके बैंक खाते खुलवाती थी। फिर खाता खुलने के बाद उनसे एटीएम, पासबुक, चेकबुक एवं अकाउंट से संबंधित सिम ले लेते थे।
दूसरी टीम कालिंग का काम करती थी, जो कि लोगों को काल करके उनको झांसे में फंसाती और खाते में पैसे डलवाती थी। यही टीम इंटरनेट अधिकारियों सहित अन्य लोगों की जानकारी करके उनके परिचितों को संबंधित अधिकारी बता कर पैसे की मांग किया करती थी।
तीसरी टीम द्वारा साइबर ठगी के पैसों को निकालने का काम करती थी। गिरोह के सदस्य भिन्न-भिन्न एटीएम में जा-जाकर पैसे निकालकर सरगना को देते थे। उसके बाद वह सभी को कमीशन के हिसाब से पैसे देता था। पुलिस का कहना है कि सरगना अशोक बीए पास है और उसके गिरोह में करीब 20 सदस्य हैं। और जानकारी जुटाई जा रही है।
यह हुई बरामदगी
- -52 एंड्रायड/एप्पल मोबाइल
- -156 एटीएम कार्ड
- -122 फर्जी सिम कार्ड
- -52 पासबुक
- -03 डायरी पैसों के हिसाब-किताब वाली