चकिया: वाह रे नगर पंचायत, मात्र 3 दिन में ही 80 से 100 पौधे हो गए नष्ट, नगर पंचायत प्रशासन की लापरवाही……. वार्ड के सभासद ने ट्रिगार्ड लगाने की उठाई थी मांग, लेकिन नगर पंचायत ने नहीं ली सुधि…… ऐसे ही किया गया कोरमपूर्ति , DM तक पहुंचा मामला
पौधारोपण के लिए केंद्र व प्रदेश सरकार प्रतिवर्ष करोड़ों रुपए करती है खर्च
चकिया, चंदौली। जहां एक तरफ केंद्र व प्रदेश सरकार करोड़ों रुपया खर्च कर पर्यावरण को सुरक्षित व संरक्षित करने के लिए लाखों-लाखों की संख्या में पौधारोपण कर रही है तो दूसरी तरफ यह पौधा सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों के लापरवाही से नष्ट हो रहा हैं। इस पर अधिकारियों व कर्मचारियों का ध्यान नहीं जा रहा है। पौधारोपित कर अधिकारी व कर्मचारी अपनी जिम्मेदारियों से खाली हो जा रहे हैं। पौधा चाहे पेड़ का रूप ले या न ले। इन पौधों को ट्रिगर्ड जैसी सुरक्षा भी नहीं मिल पा रहा है। ताजा मामला आदर्श नगर पंचायत चकिया के वार्ड नंबर 4 कबीर नगर घटमापुर स्थित पार्क में लगे लगभग 80 अधिक पौधे मात्र तीन दिन में नष्ट होने का है।
बतादें कि आदर्श नगर पंचायत चकिया वार्ड नंबर 4 कबीर नगर घटमापुर स्थित पार्क में 20 जुलाई 2024 को लगभग 80 से 100 पौधे नगर पंचायत के अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा रोपित किया गया था। मात्र तीन दिन बाद ही एक भी पौधे पार्क में देखने को नहीं है। आदर्श नगर पंचायत के जिम्मेदार पौधारोपित कर अपनी ज़िम्मेदारियों से इतर होते हुए कोरमा पूर्ति तो कर दिया। लेकिन इन पौधों को पेड़ होने तक के लिए कोई सुरक्षा व्यवस्था जैसे ट्रीगार्ड नहीं लगाया गया। जिसका नतीजा रहा की मात्र तीन दिन में ही सभी पौधे नष्ट हो गए हैं।
केंद्र व प्रदेश सरकार करोड़ रूपए प्रतिवर्ष पौधा लगाने पर खर्च करती है। अभियान चलाकर सरकारी विभागों को पौधारोपण की जिम्मेदारी सौंपी जाती है। हालांकि सरकारी विभाग अपनी ज़िम्मेदारियों का निर्वाह तो जरूर करता है लेकिन पौधों को कोई सुरक्षा नहीं दे पता है। जिसके चलते पौधे पेड़ के रूप नहीं ले पाते हैं। घटमापुर स्थित पार्क में जो पौधे रोपित किए गए थे उन्हें सुरक्षित रखने के लिए वार्ड के सभासद द्वारा ट्री गार्ड लगाने की मांग की गई थी, लेकिन नगर पंचायत ने नहीं सुना। जिसका परिणाम यह रहा की मात्र तीन दिन में ही 80 से 100 पौधे नष्ट हो गए।
वार्ड के सभासद केशरी नन्दन के पौधारोपण के पूर्व नगर पंचायत को अवगत कराया था कि पौधरोपण करने से पूर्व टी गार्ड बनवा लें। नहीं तो एक भी पौधा नहीं बचेगा। पौधरोपण कर टी गार्ड लग जायेगा। जिससे सरकार का उद्देश्य पूरा होगा और पर्यावरण सुरक्षित होगा। मेरी बातों को नहीं सुना गया । वहीं मामला जिलाधिकारी तक पहुंचा।