Sunday, May 5, 2024
उत्तर-प्रदेशजौनपुर

जय श्रीराम पास हो जाएं… कॉपी में लिखकर फार्मेसी के चार छात्र 56 फीसदी अंकों से हुए पास, अब दो प्रोफेसर की होगी ‘छुट्टी’……

जौनपुर. वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में परीक्षाएं कैसे हो रही और कॉपियों का मूल्यांकन कैसे किया जा रहा है, इसका खुलासा राइट टू इनफार्मेशन के तहत सामने आया है. यहां फार्मेसी प्रथम वर्ष के चार छात्र कॉपी में जय श्रीराम और भारतीय क्रिकेटर्स के नाम लिखकर 56 फीसदी अंकों के साथ पास हो गए. मामला सामने आने के बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन में हड़कंप मच गया. अब इस मामले में परीक्षा समिति ने दो शिक्षक डॉ. आशुतोष गुप्ता और डॉ. विनय वर्मा को दोषी करार दिया है. इनके खिलाफ राजभवन पत्र भेजकर कार्यमुक्त करने की शिकायत की गई है.

दरअसल, पूर्वांचल विश्वविद्यालय की ओर से संचालित डी फार्मा प्रथम व दूसरे सेमेस्टर की परीक्षा में गलत मूल्यांकन करते हुए सही जवाब न देने पर भी छात्रों को पास करने का मामला सामने आया था. यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्र दिव्यांशु सिंह ने इस मामले में RTI के तहत जानकारी मांगी थी. दिव्यांशु सिंह ने तीन अगस्त 2023 को डी फार्मा के प्रथम वर्ष के 18 छात्रों के रोल नंबर उपलब्ध कराते हुए कॉपियां निकलवाकर पुनर्मूल्यांकन की मांग की थी.

Purvanchal University ExamCopy Jai Shri Ram

RTI से गड़बड़ी का खुलासा हुआ

छात्र ने लिखा था- जय श्री राम पास हो जाएं
यूनिवर्सिटी की तरफ से मुहैया करवाई गई जानकारी के मुताबिक बार कोड संख्या 4149113 की कॉपी में छात्र ने लिखा था- जय श्री राम पास हो जाएं. इसके अलावा भारतीय विराट कोहली, रोहित शर्मा, हार्दिक पांड्या आदि खिलाड़ियों के नाम लिखे थे. इस छात्र को 75 में से 42 अंक देकर पास किया गया था. ऐसा ही बार कोड 4149154, 4149158, 4149217 की कॉपियों में भी मिला. जिसके बाद दिव्यांशी ने राजभवन को पात्र भेजकर आरोप लगाया था कि एक प्रोफेसर ने पैसे लेकर छात्रों को पास किया है. जिसके बाद राजभवन ने मामले का संज्ञान लेते हुए 21 दिसंबर 2023 को जांच कर कार्रवाई करने का आदेश दिया था.

जांच समिति में आरोप सही पाए गए
राजभवन के आदेश के बाद विश्वविद्यालय ने जांच समिति का गठन कर जांच कराई तो शिकायत सही पाई गई. उत्तर पुस्तिकाओं में छात्रों को 80 में से 50 से अधिक अंक प्रदान किए गए थे. जब इनका पुनर्मूल्यांकन कराया गया तो दोनों बाह्य परीक्षकों ने शून्य अंक प्रदान किए. मामले में कुलपति प्रो वंदना सिंह ने बताया कि गलत मूल्यांकन में फार्मेसी संस्थान के दो प्रोफेसर को दोषी पाया है. दोनों को कार्यमुक्त करने का निर्णय लिया गया है.

About The Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *