एमएलसी चुनाव में सपा नहीं उतारेगी अतिरिक्त प्रत्याशी, तीन कैंडिडेट को जीत दर्ज कराने के लिए चाहिए 87 मत
, लखनऊ। राज्यसभा चुनाव में सात विधायकों की क्रॉस वोटिंग के बाद समाजवादी पार्टी अब पार्टी विधान परिषद की 13 सीटों के लिए हो रहे चुनाव में अतिरिक्त प्रत्याशी नहीं उतारेगी। पार्टी अपने तीन प्रत्याशी तो आसानी से जीत दिला लेगी, लेकिन चौथे को लेकर कोई जोखिम नहीं उठाना चाहती है।
तीन प्रत्याशी जिताने के लिए सपा को 87 मतों की जरूरत होगी। विधानसभा में चार सीटें रिक्त होने के कारण 399 विधायक हैं। ऐसे में तय फार्मूले के तहत प्रत्येक विधान परिषद सीट पर जीत के लिए 29 विधायकों के मत चाहिए। सपा के वर्तमान में 108 विधायक हैं। कांग्रेस के भी दो विधायक जोड़ें तो संख्या 110 हो जाती है।
सपा नहीं लेना चाहती कोई जोखिम
सपा के सात विधायकों ने 27 फरवरी को हुए राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग कर भाजपा प्रत्याशी को वोट दिया था और एक विधायक ने गैरहाजिर रहकर अंदरखाने भाजपा का समर्थन कर दिया था। लोकसभा चुनाव से पहले अब सपा कोई और नुकसान नहीं उठाना चाहती है, इसलिए पार्टी विधान परिषद चुनाव में तीन प्रत्याशी ही खड़ा करेगी ताकि मतदान की नौबत ही न आए। भाजपा व उसके सहयोगी दलों को मिलाकर कुल 277 विधायक हैं। रालोद के नौ विधायकों के साथ आ जाने के बाद यह संख्या 286 हो जाती है।
ऐसा है प्रत्याशियों का पेंच
रघुराज प्रताप सिंह की पार्टी जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के दो विधायकों ने भी राज्यसभा चुनाव में भाजपा को वोट दिया था ऐसे में कुल संख्या 288 हो जाएगी। भाजपा को दस प्रत्याशी जीतने के लिए 290 विधायकों के मतों की जरूरत होगी जोकि आसानी से जुट जाएंगे। भाजपा यदि 11वां प्रत्याशी उतारती है तो इस बार भी चुनाव होगा। भाजपा के लिए भी 11वां प्रत्याशी जीतना आसान नहीं होगा, उसे कुल 319 विधायकों के मतों की जरूरत होगी।
पांच मई को रिक्त हो रही हैं 13 सीटें
गौरतलब है कि विधान परिषद की जो 13 सीटें पांच मई को रिक्त हो रही हैं उनमें भाजपा की दस और सपा, बसपा व अपना दल (सोनेलाल) के एक-एक सीट शामिल हैं। इसके लिए 11 मार्च तक नामांकन पत्र भरे जाएंगे। 12 को नामांकन पत्रों की जांच व 14 तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। यदि 13 से अधिक प्रत्याशी खड़े हुए तो 21 मार्च को मतदान होगा। इसी दिन शाम पांच बजे से मतगणना कर परिणाम घोषित कर दिए जाएंगे।