चंदौली: DPRO ने इन दो गांवों के प्रधानों को जारी किया नोटिस , जवाब न देने कार्रवाई की चेतावनी…… अधिकारियों के आदेश की अवहेलना करने व अपने पदीय दायित्व को करने में उदासीनता,, जनप्रतिनिधि को नोटिस जारी होने पर चर्चा
गांवों में सफाई और विकास कार्यों में लापरवाही बरतना अब ग्राम प्रधानों को भारी पड़ सकता है। शुक्रवार को जिला पंचायत राज अधिकारी (डीपीआरओ) नीरज सिन्हा ने बबुरी और हिनौता उर्फ जगदीसराय ग्राम पंचायत के प्रधानों को नोटिस जारी कर कारण बताने को कहा है।
बबुरी की प्रधान राजकुमारी देवी और जगदीसराय के प्रधान प्रमोद कुमार पासवान पर आरोप है कि उन्होंने अधिकारियों के आदेशों की अनदेखी की और अपने पद के दायित्वों के प्रति लापरवाही बरती।
बता दे कि बता दें कि स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) योजनान्तर्गत कार्ययोजना के अनुसार आपके एस०एन०ए० खाते में धनराशि निर्गत की गयी थी जिसमें ग्राम पंचायत को मॉडल के रूप में विकसित किया जाना है। अधोहस्ताक्षरी द्वारा ग्राम में निर्मित आरुआर०सी० केन्द्र का संचालन करते हुए ग्राम के चारो तरफ कूड़ा/पॉलीथीन को सुरक्षित किये जाने हेतु आपसे दूरभाष पर व्यक्तिगत रूप से एवं पूर्व में भ्रमण के समय निर्देशित किया गया था। पुनः दिनांक 15 मई को आपकी ग्राम पंचायत बबुरी का स्थलीय भ्रमण किया गया जिसमें पाया गया कि आर०आकसी० का संचालन नहीं किया जा रहा है और न ही ग्राम पंचायत के चारो तरफ व्याप्त कूड़ा एवं पॉलीथीन का निस्तारण उचित स्थान पर किया किया गया। जिसके बाद कार्यालय आकर डीपीआरओ ने एक्शन लिया और नोटिस जारी किया।
निरीक्षण में उजागर हुईं खामियां
डीपीआरओ ने 15 मई को गांव का निरीक्षण किया था। इस दौरान बबुरी पंचायत में स्वच्छ भारत मिशन के तहत बना आरआरसी सेंटर बंद मिला और गांव में कूड़ा व पॉलीथीन बिखरा हुआ था। इससे पहले भी उन्हें फोन और दौरे के दौरान साफ-सफाई की व्यवस्था सुधारने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
जवाब न मिलने पर होगी बड़ी कार्रवाई
डीपीआरओ ने दोनों प्रधानों को नोटिस जारी कर तीन दिन में जवाब मांगा है। उन्होंने कहा है कि यदि तय समय में संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो उत्तर प्रदेश पंचायत राज अधिनियम 1947 की धारा 95(1)(g) के तहत कार्रवाई की जाएगी। यह कार्रवाई प्रधान पद से हटाने तक हो सकती है।
नोटिस के बाद गांवों में मचा हड़कंप
नोटिस जारी होते ही दोनों ग्राम पंचायतों में हड़कंप मच गया है। ग्रामीणों के बीच चर्चा है कि अब लापरवाही करने वाले प्रधानों पर प्रशासन सख्त रुख अपना रहा है।