उजड़ा सुहाग: सामूहिक विवाह से लौट रहे दूल्हे की सड़क हादसे में मौत, मां घायल; मची चीख पुकार
बदायूं, लखनऊ। पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
कोतवाली इलाके में बृहस्पतिवार शाम सामूहिक विवाह से लौट रहे 22 वर्षीय दूल्हा जितेंद्र कुमार की एक सड़क हादसे में मौत हो गई। जबकि उसकी मां समेत दो लोग घायल हो गए। उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है। दोपहर के समय उसकी सामूहिक विवाह योजना में शादी हुई थी। उसकी पत्नी दूसरे वाहन से ससुराल चली गई जबकि युवक अपनी मां और गांव के युवक के साथ अलग-अलग बाइक पर घर लौट रहा था। पुलिस ने उसका शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।
इस्लामनगर थाना क्षेत्र के गांव चांदपुर निठाया निवासी जितेंद्र पुत्र जसवंत सिंह की शादी बिसौली कोतवाली क्षेत्र के गांव जलालपुर निवासी प्रियंका के साथ तय हुई थी। बृहस्पतिवार को बिसौली कस्बे के मदनलाल इंटर कॉलेज में सामूहिक विवाह योजना के तहत कई युवक युवतियों की शादी कराई गई। इसी में जितेंद्र और प्रियंका की शादी हुई थी। यहां जितेंद्र अपनी मां अनारकली और गांव के धारा सिंह के साथ आया था।
कुढ़ौली मोड़ पर हुआ हादसा
दूसरी ओर से प्रियंका के मायके वाले शामिल हुए थे। शादी के बाद शाम को प्रियंका अपने मायके वालों के साथ चली गई जबकि जितेंद्र, उसकी मां और धारा सिंह अलग-अलग बाइक पर गांव लौट रहे थे। उस दौरान जितेंद्र हेलमेट लगाए था। वह अपनी मां को बैठाकर बाइक चला रहा था। बताते हैं कि उनकी दोनों बाइक कुढ़ौली मोड़ पर पहुंची थी।
तभी सामने से तेज रफ्तार में आ रही आलू लदी ट्रैक्टर-ट्रॉली से जोरदार भिड़ंत हो गई। हादसा इतना जबरदस्त था कि ट्रैक्टर-ट्रॉली के बीच में जितेंद्र की बाइक फंस गई और काफी दूर तक घिसटती चली गई और खाई में जा घुसी। इस हादसे में जितेंद्र की मौके पर ही मौत हो गई जबकि उसकी मां और धारा सिंह घायल हो गए। इस हादसे की चपेट में एक और बाइक सवार आ गया लेकिन वह बाल-बाल बच गया और बाद में अपनी बाइक लेकर चला गया।

हादसे के बाद चालक ट्रैक्टर छोड़कर भाग गया। इसकी सूचना पर पहुंची पुलिस ने घायलों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेज दिया। बाद में ट्रैक्टर-ट्रॉली कस्बे में लेकर युवक का शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा दिया गया।
फेरे लेने के बाद ही विधवा हो गई प्रियंका
चांदपुर निठाया निवासी जितेंद्र दो भाइयों में बड़ा था। वह खेतीबाड़ी करता था। बृहस्पतिवार को सामूहिक विवाह में उसकी शादी प्रियंका के साथ हुई थी। यहां केवल चंद लोगों के लिए बुलाया गया था। कोई बरात या बैंडबाजा लाने की व्यवस्था नहीं थी। केवल दूल्हा दुल्हन और परिवार के गिनेचुने लोगों को बुलाया गया था। इससे उनके परिवार के लोग ही शामिल हुए थे। शादी में फेरे लेने के कुछ घंटे बाद ही प्रियंका का सुहाग छिन गया। वह विधवा हो गई। जितेंद्र की मौत से उसके ऊपर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है।